योगी-मोदी सरकार का वीआईपी कल्चर जिम्मेदार : संजय राउत

By Desk
On
   योगी-मोदी सरकार का वीआईपी कल्चर जिम्मेदार : संजय राउत

मुंबई । संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुधवार को मची भगदड़ पर राजनीति तेज हो गई है। इस घटना को लेकर अब शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में राजनीतिक दलों के वीआईपी नेताओं को दूर रहना चाहिए था।

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "महाकुंभ 144 वर्षों बाद आया है और यह एक पवित्र संयोग है। सरकार और प्रशासन को पता था कि महाकुंभ में भीड़ होने वाली थी, वे बताते थे कि 10 से 20 करोड़ लोग आएंगे। ऐसे आंकड़े बताकर उन्होंने महाकुंभ मेले की राजनीतिक मार्केटिंग शुरू की और कल जो हुआ, वह एक राजनीतिक हादसा है। इसके लिए राजनेता और योगी-मोदी सरकार का वीआईपी कल्चर जिम्मेदार है। जिस तरह से वहां पूरी व्यवस्था वीआईपी के पीछे लगी है, इसके चलते आम श्रद्धालुओं का ख्याल नहीं रखा गया।"

अन्य खबरें  महाकुंभ अब 'मृत्यु कुंभ' में बदल गया.....ममता बनर्जी

उन्होंने आगे कहा, "महाकुंभ से राजनीतिक दलों के वीआईपी नेताओं को दूर रहना चाहिए था। देश के रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और केंद्रीय मंत्रियों के लिए पूरा इलाका एक-एक दिन के लिए बंद रखा गया, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। वहां कोई व्यवस्था नहीं थी, महाकुंभ में न तो एंबुलेंस थी और न सुविधाएं थीं। कुछ महामंडलेश्वर कह रहे थे कि आयोजन स्थल को सेना के हवाले कर देना चाहिए था, लेकिन वहां राजनीतिक हस्तक्षेप हुआ, जिसके कारण मृतकों की संख्या बढ़ गई।"

अन्य खबरें  तिरुपति लड्डू विवाद में सीबीआई SIT ने चार लोगों को गिरफ्तार किया,

संजय राउत ने चंद्रकांत पाटिल और उद्धव ठाकरे की मुलाकात पर कहा, "चंद्रकांत पाटिल हमारे मित्र हैं। वह हमेशा से भाजपा-शिवसेना गठबंधन के समर्थक रहे हैं। अब भाजपा में बहुत से बाहरी लोग आ गए हैं, जिन्हें हमारी 25 साल पुरानी युति (गठबंधन) का महत्व नहीं पता। उनका भाजपा या हिंदुत्व से कोई संबंध नहीं है। चंद्रकांत पाटिल की भावनाओं का मैं आभारी हूं और मैं उनके विचारों की सराहना करता हूं।"

अन्य खबरें  रिश्वतखोरी के आरोप में तीन रेलवे अधिकारियों पर मामला दर्ज किया

उन्होंने आगे कहा, "हम महाविकास आघाड़ी में गए और इसका कारण भाजपा के कुछ लोग थे। हमारा गठबंधन जिस मुद्दे पर टूटा, वह हमारा सही फैसला था। असली शिवसेना छोड़कर जो नई 'डुप्लिकेट शिवसेना' बनी है, उसे भाजपा ने पूरा समर्थन दिया। हमने जो मांगा, वह हमारा हक था और उसे एकनाथ शिंदे को दिया गया। जब यह मुद्दा अमित शाह के सामने उठाया गया तो उन्होंने हमारी मांग ठुकरा दी। असल में अमित शाह को बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना को तोड़ना था। उनके मुंबई में आर्थिक हित जुड़े हुए थे, इसलिए उन्होंने एकनाथ शिंदे का इस्तेमाल किया।

Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

No comments yet.

Latest News