निर्मला सीतारमण ने की द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात, सौंपी बजट की कॉपी

बजट पेश करने से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति ने वित्त मंत्री को दही चीनी खिलाकर उनका मुंह मीठा करवाया है।
वित्त मंत्री को राष्ट्रपति के साथ बजट प्रस्तावों की रूपरेखा पर चर्चा करते देखा गया। अब वह कैबिनेट बैठक के लिए रवाना होंगी, जहां संसद में पेश किए जाने से पहले बजट को मंजूरी दी जाएगी। निर्मला सीतारमण आज सुबह 11 बजे लोकसभा में अपना रिकॉर्ड 8वां लगातार बजट पेश करेंगी। बजट भाषण में सरकार की राजकोषीय नीतियों, राजस्व और व्यय प्रस्तावों, कराधान सुधारों और अन्य महत्वपूर्ण घोषणाओं का उल्लेख होगा।
इस बीच, शुक्रवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि अगले वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत के बीच बढ़ेगी। केंद्रीय बजट से एक दिन पहले पेश किए गए सर्वेक्षण में बताया गया है कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है, जिसे स्थिर बाहरी खाता, राजकोषीय समेकन और निजी खपत का समर्थन प्राप्त है।
इसमें कहा गया है कि सरकार अनुसंधान और विकास (आरएंडडी), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और पूंजीगत वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करके दीर्घकालिक औद्योगिक विकास को मजबूत करने की योजना बना रही है। इन उपायों का उद्देश्य उत्पादकता, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है। रिपोर्ट में कहा गया है, "घरेलू अर्थव्यवस्था के मूल तत्व मजबूत बने हुए हैं, जिसमें मजबूत बाह्य खाता, संतुलित राजकोषीय समेकन और स्थिर निजी खपत शामिल है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए, हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 2026 में विकास दर 6.3 से 6.8 प्रतिशत के बीच रहेगी।"
सर्वेक्षण में कहा गया है कि सब्जियों की कीमतों में मौसमी गिरावट और खरीफ की फसल आने के कारण वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आने की उम्मीद है। रबी की अच्छी पैदावार से वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में खाद्य कीमतों को नियंत्रित रखने में भी मदद मिलने की उम्मीद है। हालांकि, प्रतिकूल मौसम की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय कृषि कीमतों में बढ़ोतरी मुद्रास्फीति के लिए जोखिम पैदा करती है।
सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत बना हुआ है, जो 90 प्रतिशत बाहरी ऋण को कवर करता है और दस महीने से अधिक का आयात कवर प्रदान करता है। जनवरी 2024 में 616.7 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर सितंबर 2024 में 704.9 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जो 3 जनवरी 2025 तक घटकर 634.6 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। पूंजी प्रवाह में स्थिरता ने भारत की बाहरी ताकत को सहारा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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