राजस्थान विधानसभा में बदलाव : वास्तुदोष का डर,

राजस्थान विधानसभा का नजारा इस बार बदला-बदला सा है। हरे कार्पेट की जगह गुलाबी रंग ने ले ली है और एंट्री गेट की दिशा भी बदल दी गई है। विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने खुद बताया कि यह बदलाव वास्तुदोष को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
2001 में बने राजस्थान विधानसभा भवन को लेकर लंबे समय से वास्तुदोष की चर्चा होती रही है। तब से लेकर अब तक 16 विधायकों का पद पर रहते हुए निधन हो चुका है। हाल ही में खुद स्पीकर वासुदेव देवनानी को हार्ट अटैक आया, जिसके बाद इस बहस ने फिर जोर पकड़ लिया।
2001 में इस विधानसभा भवन में कार्यवाही शुरू हुई थी, लेकिन तब से ही इसे लेकर विवाद रहा। कहा जाता है कि भवन का उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर. नारायणन को करना था, लेकिन उनके अस्वस्थ होने के कारण उद्घाटन नहीं हो सका। इसके बाद से ही विधानसभा में नकारात्मक घटनाओं का सिलसिला जारी रहा।
विधानसभा में बदलाव के पीछे विज्ञान और विश्वास के बीच की बहस भी तेज हो गई है। क्या यह सिर्फ एक संयोग है कि इतने विधायकों का निधन हुआ, या फिर वाकई वास्तुदोष का असर है? सरकार और स्पीकर इसे मान्यता से जोड़ रहे हैं, जबकि विपक्ष इसे महज अंधविश्वास करार दे रहा है।
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