धरती पर वास्तविक चमत्कार करने का सामर्थ्य: शिवराज सिंह चौहान
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जोधपुर। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वास्तविक चमत्कार करने का सामर्थ्य धरतीपुत्रों किसानों में है, जो शुष्क धोरों में भी खजूर एवं अन्य विशिष्ट फसलें उत्पादित कर रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री, कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर की ओर से आयोजित तीन दिवसीय 'किसान मेले' के समापन के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पंडाल में मौजूद हजारों की संख्या में मौजूद किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा केंद्रीय मंत्री होने के साथ में आज भी किसान हूं और नियमित खेत में जाता हूं। उन्होंने कहा किसानों के लिए खेत, खेत नहीं तीर्थ है जहां उन्हें रोज जाना ही चाहिए। उन्होंने कहा, केंद्रीय मंत्री होते हुए भी में स्वागत सत्कार में नहीं अपितु किसानों से आत्मिक मेलजोल में अधिक विश्वास रखता हूं। उन्होंने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर विशेष बल देते हुए राष्ट्र की प्रगति में विशेष सहयोगी बताया।
कृषि विश्वविद्यालय के नवाचार कर रहे हैं प्रेरित
किसान मेले की थीम "मरुधरा में द्वितीयक कृषि से संपन्न किसान" की उपयोगिता पर बात करते हुए कहा मैं कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर को विशेष धन्यवाद और बधाई देता हूं जो विविधीकरण एवं नवाचारों के क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय काम कर रहा है। विश्वविद्यालय कृषि उपज का भरपूर मूल्य वर्धन करना सीखाकर किसानों को आर्थिक राह में आगे बढ़ने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा, विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित किए गया किसान मेला बेहद सराहनीय है जहां इतनी बड़ी संख्या में आकर, किसान विशेष रूप से लाभान्वित हुए हैं।
जैविक व प्राकृतिक खेती को बढ़ाने की आवश्यकता
उन्होंने प्राकृतिक खेती पर विशेष बल देते हुए कहा रासायनिक उर्वरकों से भूमि खराब हो रही है, मित्र कीट समाप्त हो रहे हैं। अगर सही तरीके से प्राकृतिक खेती की जाए तो उत्पादन घटता नहीं है। उन्होंने कहा भारत के किसानों में इतना सामर्थ्य है कि दुनिया का पेट भर सकते हैं। जब कोरोना का समय था तब भी किसान लगातार खेतों में अन्न उत्पन्न कर रहे थे। देश की आत्मा किसान है और अर्थव्यवस्था किसानों पर ही निर्भर है।
किसानों का विकास, पीएम नरेंद्र मोदी का ध्येय
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्येय है, खेती अधिक से अधिक विकसित हो एवं किसान खुशहाल व संपन्न बने। इसके लिए कम पानी की आवश्यकता वाली उन्नत किस्मों पर काम किया जा रहा है। ऐसे उर्वरक बनाए बनाए जा रहे हैं, जिनके खर्च किसान आसानी से उठा पाए। प्रधानमंत्री सम्मान निधि के माध्यम से किसानों को आर्थिक रूप से सम्मान दिया जा रहा है, साथ ही फसल खराबे से परेशानी में आए किसानों के लिए फसल बीमा में भी सुधार किया जा रहा है।
विभिन्न अतिथि रहे मौजूद
मेले के समापन समारोह के मौके पर विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुण कुमार ने विश्वविद्यालय की ओर से किए गए नवाचारों एवं कृषक हित में किए गए उल्लेखनीय कार्यों पर प्रकाश डाला। किसान मेले में पधारने पर उन्होंने कृषि मंत्री का विश्वविद्यालय एवं किसानों की ओर से विशेष आभार व्यक्त किया। विश्वविद्यालय के कुल सचिव निशु कुमार अग्निहोत्री भी इस मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने अतिथियों एवं मेले में उल्लेखनीय सहयोग के लिए किसानों एवं उद्यमियों का विशेष धन्यवाद दिया।
इस दौरान विशेष अतिथियों के रूप में महाराणा प्रताप युनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी उदयपुर के कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक, श्री करण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर जे एस संधू, राष्ट्रीय मंत्री, किसान मोर्चा, शैलाराम सारण , मंतरेश सिंह, निदेशक, अटारी, डॉ जेपी मिश्रा व 'एक राष्ट्र एक चुनाव ' के सहसंयोजक महेंद्र सिंह राठौड़ व प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ प्रदीप पगारिया विशेष रूप से मौजूद रहे।
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