अन्नामलाई विवि के योग विशेषज्ञ ने कहा, बुढ़ापा पैरों से होता है शुरू, हलासन और उत्तानपाद आसन का करें अभ्यास

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  अन्नामलाई विवि के योग विशेषज्ञ ने कहा, बुढ़ापा पैरों से होता है शुरू, हलासन और उत्तानपाद आसन का करें अभ्यास

लखनऊ । लखनऊ विश्वविद्यालय के योग विभाग, फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन, इंडियन योग फेडरेशन तथा यू. पी. नेचुरोपैथी एंड योग टीचर्स एंड फिजिशियन एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा का मांसपेशियों पर प्रभाव विषय पर संगोठी का आयोजन हुआ। राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन काशी हिंदू विश्वविद्यालय से आए वितुर्व त्रिपाठी ने कहा कि तनाव में रहने से शरीर के अंदर क्रोध पैदा करने वाले हार्मोन्स का प्रतिशत शरीर में बढ़ जाता है, जिससे शरीर की मांसपेशियों का तनाव बढ़ जाता है और मांसपेशियों के बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। वृक्षासन , मर्जरी आसन, हलासन तथा ध्यान के अभ्यास से तनाव को कम किया जा सकता है। अन्नामलाई विश्वविद्यालय से आए योग विशेषज्ञ अमित गौरैइया ने बताया कि बुढ़ापा सर्वप्रथम पैरों से प्रारंभ होता है और पैरों की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं एजिंग प्रोसेस की धीमी गति होने से उत्तानपाद आसन, अर्ध हलासन, ताड़ासन तथा प्राणायाम में अनुलोम विलोम भूचरी मुद्रा का अभ्यास करना चाहिए। महर्षि यूनिवर्सिटी आफ इन्फोटेनमेंट ऑफ टेक्नोलॉजी के क्षिक्षान्त भट्ट ने अपने शोध पत्र में बताया कि गर्दन की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए गर्दन विकासक क्रिया कंधों को घूमने वाली क्रियाएं व हस्तोत्तानासन हस्त पादासन तथा उज्जायी प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। राजेश कुमार द्विवेदी ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए बताया कि वाष्प स्नान, कटि स्नान ,तथा प्रातः काल सूर्य की किरणें शरीर की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

योगाचार्य के .के. शुक्ला ने कहा की मांसपेशियां शरीर को आकार प्रदान करती हैं। हाथ और पैरों की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए स्कंध चालन क्रिया, कोहनी शक्ति विकासक क्रिया, भुजबल्ली शक्ति विकासक क्रिया तथा घुटना चालन व भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। प्रातः काल सत्र में योग विभाग के विद्यार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया गया ।

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फैकल्टी के कोऑर्डिनेटर डॉ अमरजीत यादव ने बताया कि सेमिनार में आठ वैज्ञानिक सत्रों का आयोजन किया गया जिसमें आसनों का गर्दन की मांसपेशियों पर प्रभाव, मसल्स फिजियोलॉजी, मांसपेशियों के रोग, हृदय की मांसपेशियां जैसे विशेष सत्रों का आयोजन किया गया। समापन सत्र के दौरान प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। फैकल्टी के अधिष्ठाता प्रोफेसर अशोक कुमार सोनकर के द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर फैकल्टी के शिक्षक डॉ उमेश कुमार शुक्ला, डॉक्टर सत्येंद्र कुमार मिश्र, डॉक्टर रामकिशोर ,डॉक्टर राम नरेश, प्रियंका राय, डॉक्टर , व फैकल्टी के छात्र एवं छात्राएं भारी संख्या में उपस्थित थे। 
 

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