चायपत्ती समझ चाय में डाल दी दीमक नष्ट करने की दवा, मां-बेटे और दादी की मौत

बांसवाड़ा । आंबापुरा के नलदा गांव में जहरीली चाय पीने से मां-बेटे और दादी की मौत हो गई। रविवार को किसान परिवार ने चाय बनाई थी। चाय-पत्ती समझकर दूध में खरपतवार और दीमक नष्ट करने की दवा डाल दी थी। यह चाय परिवार के छह सदस्यों ने पी।
आंबापुरा थाना इंचार्ज रामरूप ने बताया कि दो सदस्यों की मौत कल हो गई थी, जबकि इलाज के दौरान एक किशोर ने साेमवार सवेरे उदयपुर के जिला हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। नलदा गांव में रहने वाले किसान लालू (60) की बहू दरिया (45) ने रविवार दोपहर को चाय बनाई थी।
उसने चायपत्ती समझ कर वहां रखा कीटनाशक दूध में डालकर उबाल दिया और चाय छानकर ले आई। इसके बाद खुद दरिया, पति शंभू (45), ससुर लालू, बहू चंदा (22) और दो पोतों अक्षय (14) व मनीष (20) पुत्र मोगजी ने जहरीली चाय पी।
चाय पीने के बाद सभी की हालत बिगड़ने लगी। सदस्य उल्टियां करने लगे। पड़ोसियों ने एंबुलेंस बुलाकर सभी को बांसवाड़ा जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां दरिया को मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद बाकी पांच को उदयपुर रेफर कर दिया गया।
एंबुलेंस से बांसवाड़ा से उदयपुर ले जाते समय सलूंबर में चंदा ने भी दम तोड़ दिया।
उदयपुर के जिला अस्पताल में इलाज के दौरान सोमवार को अक्षय (14) की भी मौत हो गई। शंभू, लालू और मनीष का इलाज उदयपुर के जिला हॉस्पिटल में चल रहा है।
पड़ोसियों ने बताया कि रविवार को लालू के परिवार के सभी सदस्य नजदीकी गांव में शादी समारोह में शामिल होने वाले थे। इससे पहले दोपहर में दरिया ने चाय बनाई थी। चाय बनाने के बाद यह घटना हुई। रसोई में दीमक और खरपतवार नष्ट करने की एक दवा पोटली में मिली। जिसे दरिया ने चायपत्ती समझ दूध में डाला था।
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