योगी बाेले-विपक्ष की मानसिकता काे समझें, संभल में वर्षाें पहले हुए नरसंहार की चर्चा क्याें नहीं हाेती

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रविवार को कहा कि प्रदेशवासियाें काे इनकी (विपक्ष) मानसकिता को समझना होगा। उन्हाेंने 46 साल पहले संभल में हुए नरसंहार को उठाते हुए विपक्ष पर हमला बोला। उन्हाेंने कहा कि संभल में जिस मंदिर को साढ़े चार दशक पहले बंद कर दिया गया था, आज वह मंदिर सबके सामने आ गया है। इसने इनकी वास्तविकता को सबके सामने प्रस्तुत कर दिया।
मुख्यमंत्री याेगी एक मीडिया प्रतिष्ठान की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि इसलिए आप सबसे कहता हूं कि हम सबको इनकी मानसिकता को देखना होगा। कल संसद में संविधान की चर्चा हो रही थी लेकिन मुद्दा संभल का उठ रहा था। संभल में क्या प्रशासन ने वह प्राचीन मंदिर रातों रात बना दिया ? क्या वहां बजरंगबली का प्राचीन मंदिर वहां रातोंरात आ गया? क्या वहां निकला ज्योतिर्लिंग आस्था नहीं थी ? उन्हें आज तक सजा क्यों नहीं मिली, जिन्होंने आज के 46 वर्ष पहले संभल के अंदर नरसंहार किया था। उन लोगों की चर्चा क्यों नहीं होती? उन निर्दोष लोगों का क्या दोष था? जिनकी निर्मम हत्या संभल के अंदर आज से 46 साल पहले हुई।
याेगी ने कहा कि जो भी उस सच को बोलेगा, उसको धमकी दी जाएगी। उनका मुंह बंद कराने का प्रयास होगा। इसीलिए ये लोग कुम्भ के बारे में दुष्प्रचार करने का कुत्सित प्रयास करेंगे। लेकिन मैं धन्यवाद दूंगा उन प्रतिष्ठानों को जो कुम्भ से जुड़े आयोजन कर रहे हैं।
उन्हाेंने कहा कि आप मुझे बताओ अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में फैसला न आता, राम मंदिर न बन पाता तो अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन पाता क्या ? अयोध्या के अंदर की गलियां फोरलेन की बन पातीं क्या ? अयोध्या रेलवे की डबलिंग, बेहतरीन कनेक्टविटी हो पाती क्या ? आम जनमानस खुश है। हर व्यक्ति प्रफुल्लित है। आने वाला श्रद्धालु कृतज्ञता ज्ञापित करता है लेकिन देश के संविधान का गला घोंट कर, चोरी से संविधान में सेक्युलर शब्द डालने वाले लोग अपने घर में शोक मना रहे हैं।
योगी ने कहा कि उन्हें परेशानी है कि काशी विश्वनाथ धाम का कायाकल्प कैसे हो गया? उन्हें परेशानी है कि अयोध्या में राम मंदिर और अयोध्या इतनी भव्य दिव्य कैसे हो गयी? उन्हें परेशानी इस बात की है कि हम लोगों ने दशकों तक शासन किया लेकिन हम कुछ नहीं कर पाए। अपने नकारेपन पर हम लोगों को कोश रहे हैं। अपनी अकर्ण्मयता का दोष हमारी सफलता को कोश करके दे रहे हैं। इनसे हमें संभल कर रहना होगा।
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