डीटीओ के ठिकानों पर एसीबी के छापे...
जयपुर। संजय शर्मा के ठिकानों पर रेड डाल दी। यह सिर्फ एक साधारण रेड नहीं थी, बल्कि एक गहरी साज़िश और अवैध कमाई के खेल का पर्दाफाश करने की ओर पहला कदम था।
सुबह के 7 बजते ही जयपुर से लेकर भरतपुर और मुरादाबाद तक फैले 10 अलग-अलग स्थानों पर कार्रवाई शुरू हो गई। विद्याधर नगर में डीटीओ द्वितीय के पद पर तैनात संजय शर्मा का जयपुर में वैशाली नगर और श्याम नगर के आलीशान इलाकों से लेकर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद तक एक विस्तृत नेटवर्क था। एसीबी टीम ने उनके रिश्तेदारों और दोस्तों के घरों को भी सर्च ऑपरेशन के दायरे में ले लिया।
सोने की कहानी का खुलासा
रेड के दौरान, एसीबी को यह जानकारी मिली कि संजय शर्मा ने अपनी अवैध कमाई से बड़ी मात्रा में सोना खरीदा था। यह सोना वैशाली नगर स्थित प्रसिद्ध एसकेजे ज्वेलर्स से खरीदा गया था। शक के दायरे में आए इस ज्वेलर्स के शोरूम में भी एसीबी की टीम ने जांच शुरू कर दी। यहां कर्मचारियों और मालिकों से संजय शर्मा द्वारा खरीदे गए सोने और उसके स्रोत के बारे में गहन पूछताछ की गई।
आलीशान ठिकाने और छुपे हुए राज़
संजय शर्मा के वैशाली नगर स्थित कृष्णा नगर के आलीशान मकान में एसीबी टीम ने दस्तावेज़ों और संपत्तियों की जांच की। वहां छुपे दस्तावेज़ों ने कई और गहरे राज़ खोल दिए। श्याम नगर स्थित रूबी पार्क रिज अपार्टमेंट में छापेमारी के दौरान भी कई महंगी चीज़ें और प्रॉपर्टी के कागजात बरामद हुए।
भरतपुर स्थित उनके पैतृक घर, यूपी के मुरादाबाद में चचेरे भाई के घर और जयपुर के सांगोनर क्षेत्र में एक अन्य रिश्तेदार के घर से भी महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई गई। एसीबी के अधिकारियों को यह यकीन हो गया था कि संजय शर्मा का यह नेटवर्क एक लंबे समय से भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों का अड्डा बना हुआ था।
कुल 10 ठिकानों पर जांच
जांच के दौरान एसीबी की टीम ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी ठिकाने पर कोई जानकारी छूट न जाए।
कृष्णा नगर, वैशाली नगर, जयपुर: अधिकारी का निवास स्थान।
विद्याधर नगर, जयपुर: डीटीओ ऑफिस।
रूबी पार्क रिज अपार्टमेंट, श्याम नगर, जयपुर: रिश्तेदार का घर।
कृष्णा नगर, जयपुर: एक और रिश्तेदार का ठिकाना।
कप्तान कॉलोनी, भरतपुर: अधिकारी का पैतृक घर।
पांच्यावाला, जयपुर: पत्नी के नाम पर प्लॉट।
बिलारी, मुरादाबाद: चचेरे भाई का घर।
लक्ष्मी कॉलोनी, सांगोनर, जयपुर: अन्य रिश्तेदार का घर।
वैशाली नगर: एसकेजे ज्वेलर्स का शोरूम।
विद्याधर नगर: अन्य करीबी रिश्तेदार का घर।
सवालों के घेरे में अधिकारी
संजय शर्मा की यह कहानी एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि क्या जनता की सेवा के लिए नियुक्त अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का सही तरीके से निर्वहन कर रहे हैं, या फिर भ्रष्टाचार की काली छाया में अपनी नैतिकता को खो चुके हैं?
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