भाजपा ने अंबेडकर की विचारधारा को आगे बढ़ाया:

दौसा। संविधान गौरव अभियान के तहत भाजपा ने शनिवार को सर्किट हाउस में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की विरासत का सम्मान करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बाबासाहेब के विचारों को आत्मसात कर सामाजिक और आर्थिक सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि भाजपा ने डॉ. अंबेडकर से जुड़े पांच महत्वपूर्ण स्थलों को 'पंचतीर्थ' के रूप में विकसित किया। इसके अलावा, नई दिल्ली में डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र की स्थापना और 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू करना भाजपा की दूरदृष्टि को दर्शाता है।उन्होंने 'भीम ऐप' का उल्लेख करते हुए इसे डिजिटल इंडिया में अंबेडकर के विचारों का प्रतीक बताया। साथ ही अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में संशोधन और आरक्षण को 10 वर्षों के लिए बढ़ाने जैसे कदमों की सराहना की।
राठौड़ ने कहा कि 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' के तहत महिलाओं को 33% आरक्षण देने का कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक साबित हुआ। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए 10% आरक्षण और ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने जैसे कदम भाजपा की सामाजिक प्रतिबद्धता को दिखाते हैं।
कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने अंबेडकर के साथ बार-बार अन्याय किया। उन्होंने आरोप लगाया कि 1952 और 1954 के चुनावों में कांग्रेस ने डॉ. अंबेडकर को हराने के लिए कम्युनिस्टों के साथ मिलकर रणनीति बनाई।राठौड़ ने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि नेहरू सरकार ने बाबासाहेब को रक्षा और विदेश मामलों की प्रमुख समितियों से बाहर रखा और उनके विचारों को लगातार नजरअंदाज किया।
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने में देरी की और ओबीसी आरक्षण के प्रति उदासीन रवैया अपनाया। उन्होंने यह भी कहा कि राजीव गांधी ने आरक्षण के खिलाफ बयान देकर दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों को कमजोर करने की कोशिश की।
राठौड़ ने अनुच्छेद 370 को हटाने के भाजपा सरकार के कदम को बाबासाहेब के दृष्टिकोण के अनुरूप बताया। उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने शुरू से ही जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे का विरोध किया था, लेकिन कांग्रेस ने उनकी चेतावनियों को अनदेखा कर दिया।
आपातकाल के दौरान 42वें संविधान संशोधन का उल्लेख करते हुए राठौड़ ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय था। इस संशोधन ने मौलिक अधिकारों को कमजोर किया और सत्ता का केंद्रीकरण किया।
इस अवसर पर भाजपा के जिला अध्यक्ष डॉ. प्रभु दयाल शर्मा, रवि पालीवाल, महावीर डोई, महेंद्र चांदा, और अन्य प्रमुख नेता मौजूद रहे।
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