करो योग रहो निरोग यही है जीवन का बोध
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस दिवस पर अटल पार्क सैक्टर 2 में अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट द्वारा योग दिवस पर विशेष प्रकाश डालते हुए ट्रस्ट के संस्थापक डॉ हृदयेश कुमार ने बताया कि योग के अभ्यास का सम्मान करने और दुनिया भर में इसके लाभों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ है। यह एक विशेष मील का पत्थर भी है क्योंकि 2025 इस वैश्विक उत्सव की 11वीं वर्षगांठ है। योग से जीवन में सुख और शांति आती है। योग करने से व्यक्ति में एक नई शक्ति का संचार होता है, जो आपके हर बॉडी पार्ट को हेल्दी रखने का काम करता है. इसके साथ ही ये आपके शरीर के 7 चक्रों को भी प्रभावित करता है
योग, वैदिक समय से हमारे जीवन का हिस्सा रहा है. योग की महिमा ऐसी है कि ये ना केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को भी दुरुस्त करता है. भारत समेत पूरी दुनिया योग करने से मिलने वाले फायदों के बारे में जानती है और उन्हें मानती भी है. ऐसे हर साल 21 जून को दुनियाभर के लोग अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े ही चाव से मनाते हैं. योग करने से व्यक्ति में एक नई शक्ति का संचार होता है, जो आपके हर बॉडी पार्ट को हेल्दी रखने का काम करता है. इसके साथ ही ये आपके शरीर के 7 चक्रों को भी प्रभावित करता है ! सिर्फ आध्यात्मिक नहीं हैं, बल्कि ये आपके शरीर, मन और भावनाओं को ठीक रखने की चाबी भी हैं. चाहे आपने अभी नया-नया योग करना शुरू किया हो या लंबे समय से कर रहे हों, अगर आप इन चक्रों को समझते हैं और सही तरीके से उन्हें एक्टिवेट करते हैं, तो योग आपके शरीर पर और भी गहरा पॉजिटिव प्रभाव डालता है. चलिए जानते शरीर में मौजूद इन 7 चक्रों के बारे में और कैसे अलग-अलग योग आसन इन्हें एक्टिवेट करके आपकी सेहत को बेहतर बनाते हैं और उसे शांति और संतुलन की ओर ले जाते हैं
शरीर में मौजूद इन एनर्जी चक्रों की बात करें तो इनका मतलब एक तरह के खास बिंदु होते हैं. इन खास बिंदुओं पर आपके शरीर की एनर्जी जमा होती है. हर चक्र शरीर के किसी खास हिस्से में होता है और उसी से उस हिस्से को एनर्जी मिलती है. अगर आपका मन शांत, खुश और स्ट्रेस फ्री है तो आपके च्रक सही ढंग से काम करते हैं और शरीर में एनर्जेटिक बना रहता है । मूलाधार चक्र (Root Chakra)
लाल रंग का मूलाधार चक्र शरीर में रीढ़ की हड्डी के बिल्कुल नीचे होता है. ये चक्र जब बैलेंस रहता है तो आपको जीवन में स्थिरता महसूस होती है
मणिपुर चक्र (Solar Plexus Chakra)
पीले रंग का मणिपुर चक्र आपकी नाभि के पास होता है. यह आपके जीवन में आत्मविश्वास देता है, जिसकी मदद से आप कॉन्फिडेंटली आप उसे संभाल पाते हैं और हर परिस्तिथि को कंट्रोल कर पाते हैं.
सैक्रल च्रक (Sacral Chakra)
दूसरा चक्र सैक्रल होता है, जो यह मूलाधार चक्र के ऊपर और मणिपुर चक्र (Solar Plexus Chakra) के नीचे होता है. आसान भाषा में कहें तो ये आपके शरीर में पेट के निचले हिस्से में होता है. नारंगी रंग के इस च्रक से आपके शरीर का जल तत्व जुड़ा होता है.
सहस्रार चक्र (Crown Chakra)
सहस्रार या क्राउन चक्र, सबसे ऊंचा चक्र, सिर के ऊपर है. पर्पल या वाइट कलर का यह चक्र आध्यात्मिक रूप से पूरी तरह से जुड़े रहने की हमारी क्षमता को प्रभावित करता है.
विशुद्ध चक्र (Throat Chakra)
विशुद्ध चक्र गले के हिस्से में मौजूद होता है. नीले रंग का यह चक्र आपकी बात को साफ और अच्छे तरीके से कहने की क्षमता को प्रभावित करता है. जिन लोगों का यह चक्र बंद होता है, उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए सही समय पर सही शब्दों का प्रयोग करना मुश्किल लगता है.
अनाहत चक्र (Heart Chakra)
अनाहत चक्र दिल के ठीक ऊपर छाती में मौजूद होता है. यह शरीर में मौजूद नीचे वाले चक्रों और ऊपर के चक्रों के बीच एक पुल के रूप में काम करता है. इस च्रक का रंग हरा या पिंक होता है और यह चक्र दूसरों को समझने और उन्हें प्यार देने की हमारी क्षमता को प्रभावित करता है
आज्ञा चक्र (Third Eye Chakra)
यह चक्र माथे में आंखों के बीच में होता है और इसे ब्रो चक्र भी कहा जाता है. इंडिगो कलर के इस चक्र को आत्मा की आंख के रूप में देखा जा सका है. यह चक्र आपकी इंट्यूशन से जुड़ा होता है. आप जिसे छठी इंद्री कहते हैं, वह इसी चक्र की खास ताकत होती है.
मूलाधार चक्र के लिए
इस चक्र को एक्टिवेट करने के लिए ऐसा कोई भी आसन करना चाहिए, जो कमर के हिस्से की मसल्स को एक्टिव करता है. मूलाधार चक्र को खोलने के लिए वॉरियर पोज, ट्री पोज, उत्थित पार्श्व अंगुष्ठासन जैसे आसन करने चाहिए.
सैक्रल च्रक के लिए
जब सैक्रल चक्र की बात आती है तो कोई भी ऐसा आसन करना चाहिए, जो एनस और नाभि के बीच के हिस्से को एफेक्ट करता है. यह खोलने के लिए चेयर पोज, पादहस्तासन और पादंगुष्ठासन करने चाहिए.
मणिपुर चक्र के लिए
मणिपुर चक्र को खोलने के लिए सभी कोर स्ट्रेंथनिंग पोज बहुत अच्छे होते हैं जैसे बोट पोज, क्रेन पोज, शलभासन, पुवोइत्तानासन, पश्चिमोत्तानासन, तोलांगुलासन, प्लैंक, साइड प्लैंक और मयूरासन.
योग है स्वस्थ जीवन की कुंजी,
रखे हर रोग को दूर की पुंजी।
हर दिन करें योग से शुरुआत,
योग दिवस पर हो नई बात।
इस योगशाला में सुबोध कुमार साह, वेदप्रकाश पाराशर, शिव शंकर राय, सतपाल सिंह मनीषा देवी बेबी देवी बंटी कोहली
विमलेश देवी, राहुल, नीरज कुमार, सतपाल सिंह और अन्य बहुत से गणमान्य लोग मौजूद रहे

















