पर्यटन भवन में 24 कैरेट सोने से तैयार हुआ तीज सवारी का भित्ति चित्र

A mural of Teej Sawari made of 24 
carat gold in Tourism Bhavan

20 फ़ीट की दीवार पर दर्शाई गंगा जमुना संस्कृति

पर्यटन विभाग राजस्थान ने कला संस्कृति को सहेजने के लिए देश-दुनिया में प्रसिद्ध हमारी तीज की सवारी का भित्ति चित्र बनवावाया है,विभाग के ग्राउंड फ्लोर की दीवार पर चार कलाकारों ने मिलकर यह चित्र उकेरा हैं। 20 फीट बाय 8 फीट के इस चित्र को बनाने में 24 कैरेट के 125 गोल्ड लीफ का उपयोग किया गया है। उपमुख्यमंत्री व पर्यटन मंत्री दिया कुमारी की पहल पर नेशनल अवार्डी वैदिक चित्रकार रामू रामदेव ने अपने भाइयों हेमंत रामदेव, श्यामू रामदेव और विनोद विश्वकर्मा के साथ यह चित्र बनाया हैं।

बक़ौल चित्रकार रामू रामदेव

कृति में गंगा जल का उपयोग किया गया है,चित्र उभरा हुआ नजर आएगा।

पर्यटन विभाग की दूसरी दीवार पर ‘ठीकरी’ कांच का काम हुआ है।

एक अन्य पर भगवान गणेश परिवार सहित विराजमान हैं।

राइट साइड में मेहरानगढ़, आमेर फोर्ट, चित्तौड़ का विजय स्तंभ, कुंभलगढ़ और भरतपुर के डीग महल को दर्शाया गया है।
सवारी में चौकीदार, पंडित और शाही अधिकारी जो पोशाकें पहनते हुए हैं, उन्हीं के अनुरूप चित्रित किया हुआ है।

तीज माता चांदी के शाही तख्त रवा पर विराजमान हैं, जो ऊपर से कवर है। इसमें चांदी के 50 वर्क का इस्तेमाल हुआ है।

सोने-चांदी के वर्क का प्रयोग हो रहा है।

गंगा-जमुना संस्कृति दर्शाई गई है।

माताजी का तुरा शृंगार है। बाजूबंद, कड़े व शाही रजवाड़ी गहने नजर आ रहे हैं।

आगे हाथी हैं और चोबदार के हाथ में पचरंगा ध्वज निशान है।

लाव लश्कर व सिपाहियों के साथ में लोग चल रहे हैं और माताजी हाथ से चंवर दुला रही हैं।

माताजी के सिटी पैलेस से पौंडरिक उद्यान में विराजने का चित्रण।

माताजी के पीछे राजपूती लहरिया पहने महिलाएं चल रही हैं। सिर पर चांदी का कलश धारण किए हुए हैं।

abhay