मकर संक्रांति पर राजस्थान में पतंगबाजी का उत्साह चरम पर
जयपुर। जयपुर और सीकर समेत पूरे राजस्थान में आज मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह से ही शहरों की छतें रंग-बिरंगी पतंगों से सज गईं। हर गली-मोहल्ले में "वो काटा!", "जमाया!", और "लपेटा!" की गूंज सुनाई दे रही है। मकर संक्रांति की इस परंपरागत पतंगबाजी ने पूरे माहौल को जोश और उमंग से भर दिया है।
जयपुर की पतंगबाजी : परंपरा और पहचान
जयपुर की पतंगबाजी देश-विदेश में अपनी अनूठी शैली के लिए प्रसिद्ध है। इस पर्व की तैयारी कई दिन पहले से शुरू हो जाती है। इस बार भी परकोटे की गलियों और बाजारों में पतंग और मांझे की खरीदारी देर रात तक होती रही। लोग चीन से बने मांझे से बचते हुए स्वदेशी मांझे को प्राथमिकता दे रहे हैं। जयपुर का आसमान आज रंग-बिरंगी पतंगों से ऐसा सजा है मानो इंद्रधनुष जमीन पर उतर आया हो।
एयरपोर्ट क्षेत्र में पतंगबाजी पर रोक
हालांकि, जयपुर एयरपोर्ट के पास सुरक्षा कारणों से पतंगबाजी पर रोक लगाई गई है। एयरपोर्ट के करीब 13 कॉलोनियों में पतंगबाजी और लालटेन उड़ाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। पुलिस ने नोटिस जारी कर लोगों से इस क्षेत्र में नियमों का पालन करने की अपील की है।
सावधानी भी जरूरी
पतंगबाजी के दौरान मांझे से होने वाले हादसों को लेकर प्रशासन और पुलिस सतर्क है। पतंग उड़ाने वालों से अपील की गई है कि वे सीसीडी मांझे का उपयोग न करें। साथ ही, छतों पर सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखें।
सीकर में भी जोश बरकरार
सीकर में भी पतंगबाजी का अलग ही जोश देखने को मिला। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी छतों पर जमकर पतंगबाजी का आनंद ले रहे हैं। साथ ही, चूड़ा-दही और तिल के लड्डुओं की खुशबू ने त्योहार को और भी खास बना दिया है।
मकर संक्रांति का यह जोशीला पर्व न केवल उत्सव का प्रतीक है, बल्कि समाज को जोड़ने और खुशियां बांटने का एक जरिया भी है।
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