केवल डिग्री से नहीं मिलती नौकरी, बौद्धिक क्षमता भी जरूरी
कोटा। वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय (वीएमओयू) के 17वें दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने शिक्षा और संस्कृति के महत्व पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि केवल डिग्री हासिल करना पर्याप्त नहीं है। नौकरी पाने और जीवन में सफल होने के लिए बौद्धिक क्षमता का होना भी जरूरी है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि बौद्धिक क्षमता और नैतिक मूल्यों का विकास विश्वविद्यालयों से ही संभव है।
राज्यपाल ने कहा कि मुगलों ने भारतीय संस्कृति को मिटाने की कोशिश की। उन्होंने देवालय तोड़े, मूर्तियां फोड़ी, और धर्मांतरण करने की कोशिशें कीं। लेकिन भारतीयों ने अपने त्याग और संघर्ष से अपनी संस्कृति को बचाए रखा। उन्होंने कहा, "अगर हम इतिहास को भूल जाएंगे, तो भूगोल भी भूलने की नौबत आ जाएगी। प्राचीन भारत के नक्शे को देखकर यह समझा जा सकता है कि देश का कितना हिस्सा आज हमसे अलग हो चुका है।"
शिक्षा का मतलब केवल पढ़ाई नहीं, समाज कल्याण के लिए ज्ञान का उपयोग करें
दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह नीति भारत को विकसित देश बनाने में मदद करेगी। शिक्षा का उद्देश्य केवल लिखने-पढ़ने तक सीमित नहीं होना चाहिए। यह समाज और देश के उत्थान का माध्यम बने। राज्यपाल ने कहा, "अंग्रेजों ने भारत में शिक्षा का ऐसा ढांचा बनाया, जिससे बौद्धिक विकास नहीं हो सके। लेकिन नई शिक्षा नीति को 400 कुलपतियों और 1,000 शिक्षाविदों की राय से बनाया गया है, जिसके सकारात्मक परिणाम भविष्य में देखने को मिलेंगे।"
89 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और शोधार्थियों को पीएचडी डिग्री
दीक्षांत समारोह में 89 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। तीन छात्राओं- मनीषा चौधरी, रीना शर्मा और सरोज यादव को चांसलर मेडल दिया गया। साथ ही प्रज्ञा भार्गव, राजेंद्र सिंह शेखावत, राजेश कंवर राठौड़, योगिता व्यास और आशाराम खटीक को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।
60 हजार से अधिक छात्रों को मिली डिग्री
इस अवसर पर जून 2022, दिसंबर 2022 और जून 2023 की परीक्षाएं पास करने वाले 60,506 विद्यार्थियों की डिग्रियां डिजी लॉकर पर अपलोड की गईं। जर्नलिज्म में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए श्रीकरुणा शंकर त्रिपाठी मेमोरियल गोल्ड मेडल विश्राम लाल, महिपाल सिंह और जयदीप शर्मा को दिया गया।
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