Like Maharashtra, animal husbandry
should get the status of agriculture
in Rajasthan too - Ramchandra Chaudhary
13 लाख परिवार लाभान्वित होंगे।
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने राजस्थान से जुडे केंद्रीय मंत्रियों से सहयोग मांगा।
24 अगस्त को अजमेर में जुटेंगे प्रदेश भर के पशुपालक।
अजमेर दुग्ध डेयरी के अध्यक्ष और राजस्थान भर के पशुपालकों की समस्याओं को लेकर संघर्ष करने वाले रामचंद्र चौधरी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आग्रह किया है कि महाराष्ट्र की तरह राजस्थान में भी पशुपालन को कृषि का दर्जा दिया जाए। महाराष्ट्र में देवेंद्र फडनवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने हाल ही में पशुपालन को कृषि का दर्जा दे दिया है। इससे अब महाराष्ट्र के पशुपालकों को कृषि क्षेत्र की सभी सुविधाओं और अनुदानों का लाभ मिलेगा। महाराष्ट्र देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां पशुपालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। चौधरी ने कहा कि जब भाजपा शासित महाराष्ट्र में ऐसा हो सकता है तो फिर राजस्थान की भाजपा सरकार को भी पहल करनी चाहिए। राजस्थान में 13 लाख परिवार पशुपालन से जुड़े हुए हैं, लेकिन पशुपालकों को किसानों की तरह सुविधाएं और अनुदान नहीं मिलते। जबकि पशुपालन भी कृषि व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। पशुपालन को कृषि का दर्जा मिले इसके लिए वे लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलनों में अपनी मांग को उठाया है।
उन्हें खुशी है कि महाराष्ट्र सरकार ने पशुपालकों की समस्याओं को समझा। चौधरी ने कहा कि वह चाहते हैं कि राजस्थान से जुड़े केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल और भागीरथ चौधरी राजस्थान सरकार पर दबाव बनाए ताकि प्रदेश के पशुपालकों को भी कृषि क्षेत्र का लाभ मिल सके।उन्होंने कहा कि राजस्थान के लिए यह सुनहरा अवसर है कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में भागीरथ चौधरी राज्य मंत्री हैं। भागीरथ चौधरी जब स्वयं को कृषक बताते हैं कि तो उनकी भी जिम्मेदारी है कि पशुपालकों को किसान का दर्जा मिले। चौधरी ने बताया कि पशुपालन को कृषि का दर्जा मिलने पर पशुधन आधारित गतिविधियों को अब कृषि के समान माना जाएगा, जिससे किसानों को कृषि शर्तों के तहत बिजली, स्थानीय निकाय कर, ऋण सब्सिडी और सौर सब्सिडी प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। पोल्ट्री फार्म 25 हजार ब्रॉयलर 50 हजार लेयर तक, हैचरी 45 हजार क्षमता तक, डेयरी इकाइयां 100 पशुओं तक, बकरी भेड फार्म 500 तक और सूअर फार्म 200 तक अब उच्च कृषि अन्य श्रेणी के बजाय कृषि बिजली दरों के लिए पात्र होंगे और कृषि क्षेत्र के समान सब्सिडी के साथ सौर पंप और सौर उपकरण स्थापित करने के भी पात्र होंगे। पशुपालन में लगे किसानों को ब्याज सब्सिडी योजना की तरह, किसान क्रेडिट कार्ड पर पशुपालन परियोजना ऋणों पर 4 प्रतिशत तक ब्याज में छूट मिलेगी। समानता सुनिश्चित करने और स्थानीय कर के बोझ को कम करने के लिए ग्राम पंचायतों द्वारा पशुधन और मुर्गीपालन फार्मों पर कृषि दरों के अनुसार कर लगाया जाएगा।
24 को जुटेंगे पशु पालकः
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष चौधरी ने बताया कि 24 अगस्त को अजमेर के आजाद पार्क में प्रदेशभर के पशुपालकों कि विशाल आमसभा होगी जिसमें पशुपालन को कृषि का दर्जा दिलवाने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाएंगे। पशुपालकों के इस सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली आदि को भी आमंत्रित किया जाएगा।

















