गौरव शर्मा चंडीगढ़: सड़क दुर्घटना पीड़ितों को त्वरित और नि:शुल्क चिकित्सा सहायता देने के लिए हरियाणा पुलिस की ओर से शुरू की गई कैशलेस इलाज योजना पूरे देश के लिए मिसाल बन गई है। योजना के प्रभावशाली क्रियान्वयन के चलते हरियाणा को राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान मिला है।
यह योजना 1 अक्टूबर 2024 को लागू की गई थी। अब तक 3167 मामलों में त्वरित जीवनरक्षक सहायता दी जा चुकी है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है। यह सफलता हरियाणा पुलिस की तकनीकी दक्षता, प्रशासनिक सजगता और मानवीय संवेदनशीलता का प्रमाण है।
*DGP शत्रुजीत कपूर ने दी बधाई*
हरियाणा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने ट्रैफिक एवं हाइवे विंग की पूरी टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह योजना सुशासन और जनसेवा का उत्कृष्ट उदाहरण है और पुलिस की समर्पित कार्यशैली इसके पीछे सबसे बड़ी ताकत है।
*6 घंटे में केस अप्रूवल, 1228 अस्पतालों का नेटवर्क*
हर जिले में DSP/ACP स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। हादसे के महज़ 6 घंटे के भीतर केस डिजिटल रूप से प्रोसेस और अप्रूव किया जाता है। राज्यभर के 1228 अस्पताल इस योजना में पंजीकृत हैं, जिससे इलाज में कोई देरी नहीं होती।
*CCTNS और e-DAR का अभिनव समन्वय*
हरियाणा देश का पहला राज्य बना जिसने CCTNS और e-DAR को जोड़कर रियल टाइम डेटा ट्रांसफर सुनिश्चित किया। इससे न सिर्फ फर्जी दावों पर रोक लगी है, बल्कि जांच की गति भी कई गुना बढ़ी है।
*112 और 108 का आपातकालीन गठजोड़*
112 पुलिस आपात सेवा और 108 एम्बुलेंस सेवा को जोड़कर एकीकृत रिस्पॉन्स मॉडल तैयार किया गया है। सूचना मिलते ही एम्बुलेंस, पुलिस और थाना स्टाफ एकसाथ सक्रिय हो जाते हैं, जिससे पीड़ित को मिनटों में अस्पताल पहुंचाया जाता है।
*जन-जागरूकता से जन-भागीदारी तक*
परिवहन विभाग और W/DGP के नेतृत्व में लगातार सोशल मीडिया अभियानों, कार्यशालाओं और मीडिया कवरेज के ज़रिए जनजागरूकता फैलाई गई है, जिससे आमजन का भरोसा और सहयोग दोनों बढ़ा है।
*हरियाणा बना राष्ट्रीय रोल मॉडल*
इस योजना की सफलता को देखते हुए अब देश के अन्य राज्य भी हरियाणा मॉडल को अपनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। यह सफलता हरियाणा पुलिस की संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा की पहचान है।
















