बारिश से नहीं अव्यवस्थाओं(गड्ढों ,जर्जर इमारतों ,पुलों ,खुल्ले बिजली के तारों ) से लगता है डर !

समय रहते सुधार कार्यों का चिन्हीकरण नहीं होना हादसों का मुख्य कारण

(अभय सिंह चौहान)

बारिश का मौसम किसे पसंद नहीं है,भीषण गर्मी में जी रहे लोगों को बारिश होने पर गर्मी से राहत के साथ ही हल्की बारिश मौसम को खुशनुमा बना देती हैं।
बच्चे ,बुजुर्ग ,युवा सभी के चेहरे बारिश में खिल उठते हैं लेकिन बारिश में अब गड्ढों ,जर्जर इमारतों ,पुलों ,खुल्ले बिजली के तारों से डर लगने लगा है ,
बारिश के कारण जब स्थितियां आउट ऑफ कंट्रोल होती दिखाई देती है तो आम जनता नारकीय जीवन जीने ओर डर के साये में जीने को मजबूर हो जाती है !
पहली बारिश ही सरकारी काम के गुणवत्ता की पोल खोल देती है ,बारिश की शुरुआत में ही सड़कें उखड़ जाती है। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे राहगीरों के लिए मुसीबत बन जाते हैं। हाईवे पर पड़े गड्ढों के कारण वाहन हिचकोले खाते हुए गुजरते हैं,पुलों की मरम्मत नहीं होने से हादसे होते हैं ,खुले बिजली के तार दुर्घटना का सबब बनते हैं,सरकारी इमारतों में दरारे पड़ती हैं कभी कभी हादसे में निर्दोष लोग घायल होते हैं या जान से हाथ धो बैठते हैं लेकिन प्रशासन के कानो में जूं तक नहीं
रेंगती है उन निर्दोष लोगों की चीत्कार भी भ्रष्ठ तंत्र के आगे दफन हो जाती हैं काल कवलित हुए नागरिकों को कुछ सरकारी सहायता देने के बाद हर वर्ष की भाँति फिर वही ढर्रा ,एक दो दिन अख़बारों में सुर्खियां बनने के बाद सरकारी घोषणा फ़ाइलों में दफ़न हो जाती रह जाती है तो सामान्य नागरिकों की आशा है जो उन्होंने अपना जन प्रतिनिधि चुन कर भेजा था कि इस बार तो उनकी आशाएं पूरी होंगी लेकिन जिस प्रकार बारिश को हर साल आना है परेशानियाँ भी हर साल आनी ही है ,जिम्मेदार विभागों के प्रतिनिधि बारिश शुरू होने या हादसे होने के बाद आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हैं यानी दुर्घटनाओं के बाद एडवाइजरी जारी की जाती है ,
हमारे देश का विकास रुका है वो बढ़ते भ्रष्टाचार के कारण रुका है। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां भ्रष्टाचार नहीं है,जब सरकारी व्यवस्थाओं में जनता का भरोसा खत्म होने लगे तो समझिए आपकी सरकार गलत दिशा में जा रही है।
भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण करना है तो लोक सभा,विधान सभा, पंचायत में निष्कलंक जीवन, त्याग, राष्ट्र प्रेम, सेवा भाव वाले लोग चुन कर लाने होंगे, ऐसे लोगों के बिना भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण नहीं होगा,जब भी बारिश होती है सड़कें तालाब में तबदील हो जाती हैं,नगर निगम हर साल बरसात शुरू होने से पहले नालों की सफाई कराने का दावा करता है,समय रहते शहर के प्रमुख नाले में से कचरा नहीं उठाया जाता ,बारिश से शहर में बनी जर्जर इमारतें हादसों का कारण बनती हैं,यह इमारतें भीड़ भाड़ वाले इलाकों और स्कूल की हों तो लोगों की जान की दुश्मन बन जाती हैं समय रहते इन इमारतों को चिह्नित करने से हादसों को रोका जा सकता है !
बिजली के लटकते या खुल्ले तार लोगों के लिए परेशानी का कारण बनते हैं,ये तार राहगीरों के लिए खतरनाक हो जाते हैं,बिजली कंपनी द्वारा लगातार मेंटेनेंस के नाम पर भीषण गर्मी में शट-डाउन किया जाता है उसके बाद भी व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो पाती हैं
बिजली का करंट लगने का सबसे बड़ा कारण खुले तार हैं,गली-मोहल्लों में एक ही पोल पर कई घरों के कनेक्शन होते हैं,उनके लूज कनेक्शन भी समय पर ठीक नहीं किए जाते,बारिश में पोल में करंट आने लगता है,अनजाने में भी अगर पोल को पकड़ लिया तो करंट लग जाता है।
जुलाई से लेकर अक्टूबर तक यानी ज्यादातर बरसात के समय ही करंट लगने की घटनाएं होती हैं,खाली जगहों और सड़कों पर पानी भरने से पोल के नीचे का हिस्सा पानी में डूब जाता है। लो टेंशन वायर से करंट आने पर यह तेजी से फैलता है।
बारिश से पहले ही गड्ढों ,जर्जर इमारतों ,पुलों ,खुल्ले बिजली के तारों की मरम्मत का कार्य पूरा हो जाय तो आम जनता भी राहत महसूस करेगी और बारिश से डर नहीं लगेगा !

abhay