On the occasion of the entrance ceremony
of the Guru Amar Sanyam Amrit Year
Chaturmas 2025, the saints said;
May your sadhana, worship and
prayer be auspicious
आचार्यश्री डॉ देवेंद्रसागरजी महाराज की पावन निश्रा में मुख्य अतिथि जैन कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष प्रकाश बुरड़ की रही उपस्थित
बेंगलूरु। श्रमण संघीय उपप्रवर्तक पंकजमुनिजी महाराज साहब, दक्षिण सूर्य डॉ वरुणमुनिजी मसा., मुनिरत्न रूपेशमुनिजी मसा. आदि ठाणा का यहां बेंगलूरु के गांधीनगर क्षेत्र में गुजराती वर्द्धमान स्थानकवासी जैन संघ में चातुर्मासिक प्रवेश वीरवार सुबह सादगीपूर्वक हुआ। इस गुरु अमर संयम अमृत वर्ष चातुर्मास 2025 के प्रवेश उत्सव पर शासन सौभाग्य तिलक आचार्यश्री डॉ देवेंद्रसागरसुरीश्वरजी महाराज का पावन सान्निध्य रहा। वहीं साधनाचार्य वसंतमुनिजी मसा., तपोनिधि प्रवचन सम्राट भानुरत्नविजयजी मसा., शासन प्रभावक डॉ पुलकितकुमारजी मसा., धर्म प्रभावक ध्यानयोगविजयजी मसा., महापद्मसागरजी मसा., शासन प्रभाविका साध्वीश्री पावनरत्नाश्रीजी मसा. आदि ठाणा की शुभ निश्रा रही। इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि श्री ऑल इंडिया श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस कर्नाटक प्रांत के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश बुरड़ ने शिरकत की। अल सुबह गांधी स्टैचू सर्किल से पद विहार कर चातुर्मास स्थल में प्रवेश एवं आचार्यश्री देवेंद्रसागरजी महाराज के मंगलाचरण से शुरु हुए प्रवेश उत्सव में सभी संतवृंद का आदर की चादर ओढाकर सत्कार किया गया। श्रीसंघ के अध्यक्ष राजेश मेहता ने स्वागत वक्तव्य दिया। जबकि महिला मंडल द्वारा स्वागत गीतिका प्रस्तुत की गई। साध्वीवृंद के स्तवन पश्चात् पाट पर विराजित निश्रा प्रदाता सभी संतों ने भी चातुर्मासिक प्रवेश व जैन धर्म की व्याख्या करते हुए साधना, आराधना, उपासना, तप, स्वाध्याय आदि के माध्यम से परमात्मा अथवा मोक्ष प्राप्ति के लक्षण एवं महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। आचार्यश्री डॉ देवेंद्रसागरजी ने इस मौके पर संतों की वाणी के रिएक्ट को जीवन में साकार रूप देकर परफेक्ट धन्यवान बनने की सीख दी। डॉ वरुणमुनिजी ने एक प्रेरक प्रसंग के माध्यम से अपने भाव रखते हुए भगवान श्रीकृष्ण की भांति प्रभु अथवा गुरु को सारथी बनाने की प्रेरणा दी। साथ ही इस दौरान दक्षिण सूर्य डॉ वरुणमुनिजी ने मुख्य अतिथि जैन कांफ्रेंस के अध्यक्ष समाजरत्न प्रकाश बुरड़ के प्रति मंगलकारी आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि वे भविष्य में राष्ट्रीय नेतृत्व के अध्यक्ष पद का वैभव कीर्तिमान हासिल कर पारिवारिक दृष्टिकोण से कर्नाटक की पताका फहराएं। श्रीसंघ द्वारा बुरड़ का माल्यार्पण एवं शाल्यार्पण कर बहुमान किया गया। इस मौके पर अनेक श्रीसंघों से जुड़े पदाधिकारी विशिष्टजनों का भी सम्मान श्रीसंघ की टीम ने किया। जैन कांफ्रेंस के महामंत्री एवं अनेक सामाजिक संगठनों से जुड़े श्रेष्ठिवर्य नेमीचंद दलाल ने भी अपने विचार रखे। प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में वरिष्ठ सुस्रावक, ऑल इंडिया जैन माइनोरिटी फेडरेशन के अध्यक्ष गौतमचंद धारीवाल, जैन कॉन्फ्रेंस के कोषाध्यक्ष पुखराज आंचलिया, युवा समाजसेवी सुनील लोढ़ा, विहारसेवी रमेश खाबिया, दीपक शाह, श्रीमती पिस्ताबाई कन्हैयालाल ओस्तवाल, जैन कॉन्फ्रेंस प्रदेश महिला मंडल की अध्यक्ष संतोष पी आच्छा, गौतमचंद ओस्तवाल, दिनेश खींवेसरा, रतन सिंघी सहित बड़ी संख्या में श्रावक स्राविकाएं मौजूद रहे। स्थानीय श्रीसंघ के भरत मोदी, चेतन अजमेरा, प्रशांत कामदार, मनीष अजमेरा सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने विभिन्न व्यवस्थाओं में सहयोग किया। रितेश धोका व दिलखुश बाफना ने संचालन किया।

















