महावितरण के निजीकरण के खिलाफ ठाणे कांग्रेस का जोरदार विरोध प्रदर्शन

Thane Congress held a strong protest 
against the privatization Mahaviraran

संवाद दाता अरविंद कोठारी

ठाणे। 9 जून (प्रतिनिधि): भिवंडी, कलवा, मुंब्रा और दिवा क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान कसीरने वाली टोरेंट और अदानी जैसी निजी बिजली कंपनियों के खिलाफ उपभोक्ताओं में भारी गुस्सा है, वहीं अदानी कंपनी ठाणे, नवी मुंबई, पनवेल आदि क्षेत्रों में सार्वजनिक बिजली वितरण के लिए आगे आई है। नागरिक इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह बिजली वितरण के निजीकरण का रास्ता है। कुछ पूंजीवादी कंपनियों को इस क्षेत्र में प्रवेश देने से घरेलू उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है। चूंकि निजी कंपनियां मुनाफाखोरी के उद्देश्य से इस क्षेत्र में प्रवेश कर रही हैं, इसलिए भविष्य में इसका खामियाजा गरीब लोगों को भुगतना पड़ेगा। इसी के चलते ठाणे कांग्रेस ने महावितरण मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन से महावितरण के निजीकरण के फैसले को रद्द करने और बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट और प्रीपेड मीटर लगाने की मांग की। नागरिक इस फैसले के विरोध में हैं। इस दौरान “बिजली कंपनी जनता की नहीं, किसी के बाप की है, अडानी हटाओ, देश बचाओ” जैसे नारे लगाए गए। इस दौरान महावितरण के अधीक्षण अभियंता श्री मेश्राम को एक ज्ञापन दिया गया, जिसमें अडानी इलेक्ट्रिकल कंपनी को वितरण लाइसेंस न दिए जाने, राज्य सरकार द्वारा बिजली कंपनी की निजीकरण नीति रद्द किए जाने और स्मार्ट व प्रीपेड मीटर न लगाए जाने की मांग की गई। इस अवसर पर बोलते हुए विक्रांत चव्हाण ने कहा कि बिजली जनता का अधिकार है और महावितरण एक सरकारी कंपनी होने के कारण यह जनता के अधिकार में आती है, लेकिन निजीकरण के बाद यह जनता के नियंत्रण से बाहर हो जाएगी। आज का यह विरोध प्रदर्शन कुछ औद्योगिक समूहों को लाभ पहुँचाने के लिए किए जा रहे निजीकरण के विरोध में आयोजित किया गया है। इस विरोध प्रदर्शन को राष्ट्रवादी शरद पवार गुट की महिला अध्यक्ष सुजाता घाग सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों का समर्थन प्राप्त था। ठाणे कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन में ठाणे कांग्रेस प्रवक्ता राहुल पिंगले,बाबू यादव, निजाम शेख अंजनी सिंह सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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