The message should have been conveyed
by installing smart meters at the
private residences of the
Chief Minister and Deputy Chief Minister !
*उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने निजी आवास पर स्मार्ट मीटर लगा कर दिया था संदेश*
*राजकीय आवासों का बिजली का बिल सरकार करती है वहन*
अभय सिंह चौहान
जयपुर, 11 जुलाई। जयपुर डिस्कॉम अपने विद्युत उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगा रहा है। इसी क्रम में बुधवार को 8 सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री आवास पर स्थापित 180 किलोवाट तथा 40 किलोवाट के दो कनेक्शनों पर स्मार्ट मीटर लगाए गए। वहीं गुरुवार को उप मुख्यमंत्री श्रीमती दीया कुमारी तथा उप मुख्यमंत्री प्रेमचन्द बैरवा के सिविल लाइंस स्थित राजकीय आवासों तथा ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर के हॉस्पिटल रोड स्थित राजकीय आवास में स्थापित विद्युत कनेक्शनों पर स्मार्ट मीटर लगाए गए।
अधिकारियों के राजकीय आवासों पर आज लगाए स्मार्ट मीटर
इसी प्रकार ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा, चेयरमैन डिस्कॉम्स सुश्री आरती डोगरा तथा राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ सिहाग के गांधीनगर स्थित राजकीय आवासों पर शुक्रवार को स्मार्ट मीटर इंस्टॉल किए गए।
विभाग को सबसे पहले सभी सत्ता पक्ष के मंत्रियों ,विधायकों के साथ ही अधिकारियों के ख़ुद के निजी घरों पर स्मार्ट मीटर लगाकर इसकी शुरुआत करनी चाहिए थी जिससे एक मिसाल जनता के सामने पेश होती है और जनता मैं इस स्मार्ट मीटर के प्रति विश्वास पैदा होता , यह सर्वविदित है कि मुख्यमंत्री ,उपमुख्यमंत्री सहित अधिकारियों के राजकीय आवास का बिजली का बिल सरकार यानी की जनता वहन करती है, ऐसे में विभाग द्वारा सरकारी आवासों पर स्मार्ट मीटर लगा कर उसका प्रचार किया जाना समझ से परे हैं,
वहीं उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि. टीम द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निजी आवास तराई नगला, खटीमा परिसर में स्मार्ट मीटर लगा कर जनता को संदेश दिया गया था यदि इसी प्रकार राजस्थान में भी मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री सहित अधिकारियों के निजी आवास पर यदि हैं स्मार्ट लगाए जाते हैं तो यह पहल प्रदेश के सम्मानित विद्युत उपभोक्ताओं को भी अपने घरों पर अत्याधुनिक स्मार्ट मीटर लगाने हेतु प्रेरित करती !
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की आरडीएसएस योजना के अन्तर्गत प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य किया जा रहा है। इनके जरिए उपभोक्ता अपनी बिजली की खपत का न केवल रियल टाइम आकलन कर सकते हैं बल्कि उपभोग पर हो रहे खर्च को अपनी सुविधा के अनुसार नियंत्रित भी कर सकते हैं। इनसे बिलिंग व्यवस्था में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी। नई तकनीक के यह स्मार्ट मीटर बिजली उपभोग की शुद्धता के साथ गणना करते हैं। अब तक प्रदेश में 3 लाख 26 हजार 598 उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं।

















