The world's oldest elephant 'Vatsala'
breathed her last!
पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र व दुनिया की सबसे उम्रदराज मानी जाने वाली हथिनी वत्सला की मंगलवार को मौत हो गई,वत्सला की उम्र 130 साल बताई जाती है,वत्सला का जन्म केरल के नीलांबुर फॉरेस्ट डिवीजन में हुआ था,इसके बाद 1971 में उसे 50 वर्ष की आयु में होशंगाबाद के बोरी अभयारण्य लाया गया और बाद में मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में शिफ्ट कर दिया गया, वत्सला वर्षों से पन्ना टाइगर रिजर्व आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही,जहां उसने अपना पूरा जीवन यापन किया,मिली जानकारी के अनुसार पन्ना की सबसे बूढ़ी और सबसे प्यारी हथिनी, जिसके कई अंग काम करना बंद कर चुके थे और जिसे पशु चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया था, वह अब इस दुनिया में नहीं रही,वत्सला उम्र बढ़ने के कारण देख नहीं पाती थी और लंबी दूरी भी तय नहीं कर पाती थी !
दरअसल, हाल के दिनों में वत्सला के आगे के पैरों के नाखूनों में चोट लग गई थी,मंगलवार सुबह वह हिनौता क्षेत्र के खैरैयां नाले के पास बैठ गई,वन विभाग के कर्मियों ने उसे उठाने का काफी प्रयास किया लेकिन वो नहीं उठ सकी,वन विभाग के कर्मचारियों ने उसे उठाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन दोपहर करीब 1:30 बजे उसने अंतिम सांस ली !
उम्रदराज होने के बावजूद वह हाथियों के दल की अगुवाई करती थी और अन्य हथिनियों के बच्चों की देखभाल करती थी. उसने अनेक हाथी शावकों को स्नेहपूर्वक बड़ा होते देखा. वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने वत्सला का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया !
वत्सला के निधन पर कई गणमान्य नेता पर्यावरणविद ने दुख प्रकट किया !

















