“गडकरी ने मुस्लिमों के कामों पर की चर्चा, बोले- चाय की टपरी, पान का ठेला ठीक है, लेकिन भविष्य क्या?”

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारे समाज में मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों को शिक्षा की सबसे ज्यादा जरूरत है. मुस्लिम समाज 5 ही धंधे में लोकप्रिय हुए हैं, पहला चाय की टपरी, दूसरा पान का ठेला, तीसरा कबाड़ी की दुकान, चौथा ट्रक ड्राइवर और और पांचवा क्लीनर. उन्होंने कहा कि हम मस्जिद में एक बार नहीं सौ बार नमाज पढ़ें, लेकिन विज्ञान और तंत्रज्ञान को आत्मसात नहीं करेंगे तो हमारा भविष्य क्या होगा?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक संस्था के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुस्लिमों को शिक्षित करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि जब वो महाराष्ट्र में विधायक थे तो उन्हें भी एक इंजीनियरिंग कॉलेज मिला. उन्होंने उस इंजीनियरिंग कॉलेज को नागपुर के अंजुमन इस्लाम को दे दिया.
‘जो करेगा जाति की बात, उसको मारूंगा कसकर लात’
उनसे सवाल पूछा गया कि उन्होंने अंजुमन इस्लाम को क्यों दिया? उन्होंने कहा कि हमारे समाज में शिक्षा की सबसे ज्यादा आवश्यकता कहीं है तो वो मुस्लिम समाज में है. दुर्भाग्य से ये सिर्फ पांच ही धंधों में सबसे ज्यादा देखे जाते हैं, जिसमें चाय की टपरी, पान ठेला, कबाड़ी की दुकान, ट्रक ड्राइवर और क्लीनर हैं.
अगर ये हमारे समाज में इंजीनियर, डॉक्टर, आईएएस ,आईपीएस बनेंगे तो समाज का विकास होगा. उन्होंने कहा कि हम मस्जिद में एक बार नहीं सौ बार नमाज़ पढ़ें, लेकिन दूसरे भी क्षेत्रों का ज्ञान होना बहुत जरूरी है. मुस्लिम समाज का सही विकास संभव है जैसे अब्दुल कलाम जी ने अपने ज्ञान से दुनियाभर में अपना नाम रोशन किया.
उन्होंने कहा कि कोई भी शख्स अपनी जाति, भाषा, पंथ से बड़ा नहीं होता है, बल्कि वो अपने गुणों से बड़ा माना जाता है. इसलिए हम जाति, धर्म और पंथ के आधार पर मैं बंटवारा नहीं करता हैं. मैं राजनीति में हूं, यहां पर बहुत बातें चलती हैं. उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा अपने विचारों को चुना है और हमेशा से सोचा था, जिसको वोट देना होगा देगा. बहुत जातीय वाले लोग मुझसे मिलने के लिए आते हैं, मैंने उन सबको मिलकर 50 हजार लोगों में कह दिया कि ‘जो करेगा जाति की बात, उसको कसकर मारूंगा लात.’
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