राज्यपाल से मिले BPSC अभ्यर्थी, जानें क्या हुई बात?
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मिलने पटना राजभवन पहुंचा था। मुलाकात के बाद मनोज भारती ने कहा कि 70वीं BPSC परीक्षा के अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला। राज्यपाल को सारी बात बताई। उन्होंने उन्हें धैर्यपूर्वक सुना। उन्होंने कहा कि वह उनकी बात सुन रहे हैं लेकिन उन्होंने उन्हें यह अनुरोध करने के लिए बुलाया था कि वे प्रशांत किशोर से बात करें जो उनके लिए धरने पर बैठे हैं और उन्हें बताएं कि राज्यपाल ने उनकी बात सुनी है और उन्हें मामले का संज्ञान लेने का आश्वासन दिया है, और वह उन्हें अपना विरोध समाप्त कर देना चाहिए।
मनोज भारती ने बताया कि राज्यपाल ने कहा कि वह अभ्यर्थियों की मांगों के संबंध में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देंगे। वहीं, जन सुराज पार्टी ने रविवार को दावा किया कि पटना जिला प्रशासन ने कथित तौर पर बिहार सरकार के आदेश पर उसे निजी भूमि पर शिविर लगाने से रोक दिया, क्योंकि सरकार पार्टी संस्थापक प्रशांत किशोर के विरोध से ‘घबरा गई’ है। जिला प्रशासन ने आरोप से इनकार करते हुए दावा किया कि उसने पार्टी को ‘बिना सर्वेक्षण वाली सरकारी जमीन’ पर ‘पांडाल’ लगाने से रोक दिया।
एक बयान में पार्टी ने नीतीश कुमार सरकार पर कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा में कथित अनियमितताओं के विरोध में किशोर के वर्तमान आमरण अनशन से राज्य सरकार घबरा गयी है और प्रशासन ने उसे मरीन ड्राइव के पास ‘निजी भूमि’ पर शिविर नहीं लगाने दिया। पार्टी के आरोप पर जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह कोई निजी जमीन नहीं है। यह गंगा के किनारे की बिना सर्वे वाली सरकारी जमीन है। इसलिए इस जमीन पर ऐसी कोई गतिविधि नहीं की जा सकेगी।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के स्वास्थ्य में सुधार आने के बाद शनिवार को पटना के एक अस्पताल से छुट्टी मिल गई। पार्टी ने एक बयान में यह जानकारी दी। हालांकि, किशोर (47) पिछले महीने आयोजित बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा में हुई कथित अनियमितताओं के विरोध में 2 जनवरी को शुरू किए गए आमरण अनशन को जारी रखे हुए हैं। बयान में कहा गया है, ‘‘बीपीएससी उम्मीदवारों के समर्थन में प्रशांत किशोर का अनशन जारी है।
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