Instead of running the government with
the help of immoral majority, the
struggle is to save it: Tiwari
कांग्रेस का महाराष्ट्र सरकार पर तीखा बयानी प्रहार
पुणे। केंद्र की सत्ता का दुरुपयोग करते हुए, राजनीतिक तोड़फोड़ और जनादेश की चोरी कर महाराष्ट्र में सत्ता में आई भाजपा नेतृत्व वाली महायुती सरकार लोककल्याणकारी शासन की जिम्मेदारियाँ निभाने के बजाय, सत्ता बचाए रखने के डर से जनमत को ठुकरा कर, विपक्षी नेताओं को अनैतिक रूप से आमंत्रण देने जैसी नौटंकियों में व्यस्त है। ऐसी तीखी टिप्पणी कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने की है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधान परिषद के विपक्ष नेता अंबादास दानवे के विदाई समारोह के अवसर पर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विधायी कार्यों, आदर्श परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों पर बात कर सकते थे, लेकिन इसके विपरीत, उन्होंने विधानसभा चुनाव में महायुती के विरोध में मतदान करने वाली जनता के प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं को आज भी लालच देकर ‘खुलेआम निमंत्रण’ देने की हास्यास्पद हरकतें जारी रखी हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि वे राज्य की जनता के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरी तरह से भुला चुके हैं।
तिवारी ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र मे महायुती को मिला बहुमत पूरी तरह अनैतिक और अप्राकृतिक है। चुनाव आयोग के खिलाफ चल रही न्यायिक प्रक्रिया में कुछ भी हो सकता है। बकौल कांग्रेस प्रवक्ता तिवारी इस अनामिक (अनकहे) भय से भाजपा के नेता घिरे हुए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव में जनता ने स्पष्ट रूप से महायुती के विरोध में वोट दिया था। ऐसे में महाविकास आघाड़ी के घटक दलों के नेताओं को सत्ता का प्रलोभन देना, यह किस नैतिकता के तहत किया जा रहा है, यह बेहद खेदजनक और आश्चर्यजनक है।
महायुती सरकार की नीतियों में कर्तव्यबोध और प्रशासनिक क्षमता की स्पष्ट कमी दिखाई दे रही है। राज्य में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है, किसान आत्महत्याओं की संख्या बढ़ रही है, श्रमिक वर्ग में असंतोष व्याप्त है, भ्रष्टाचार के मामलों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है, राज्य पर बढ़ता कर्ज और गंभीर आर्थिक संकट है। इसके साथ ही मित्र दलों के बीच अविश्वास और टकराव बढ़ता जा रहा है।
इन तमाम असुरक्षित स्थितियों और अज्ञात भय से ग्रस्त भाजपा नेतृत्व अब भी यह मानसिकता पाल रहा है कि सत्ता में बैठे लोगों के गलत और गैरकानूनी निर्णयों पर कोई सवाल न उठाए। इसी सोच के चलते वे भ्रष्टाचार में सहभागी बनकर राज्य की संपत्ति की लूट में भागीदार बनने के लिए विपक्षी नेताओं को आमंत्रण दे रहे हैं, यह बातभी राज्य की जनता साफ-साफ देख रही है।

















