बांग्लादेश की कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
बांग्लादेश की एक चट्टोग्राम अदालत ने गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच हुई सुनवाई के दौरान जमानत देने से इनकार कर दिया। दास, जो बांग्लादेश सैमिलिटो सनातन जागरण जोते समूह के सदस्य हैं, इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) से जुड़े हैं। चिन्मय कृष्ण दास को दो जनवरी को बांग्लादेश की एक अदालत में पेश किया गया। उन्हें 25 नवंबर को चटगांव में दर्ज राजद्रोह के एक मामले में ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था।
चैटोग्राम मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश एमडी सैफुल इस्लाम ने लगभग 30 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी। इससे पहले गुरुवार को हाई-प्रोफाइल मामले में चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी का प्रतिनिधित्व करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के 11 वकीलों की एक टीम सुबह करीब 10:15 बजे (स्थानीय समय) अदालत पहुंची। रिपोर्ट के अनुसार, उनके प्रयासों के बावजूद, अदालत का फैसला उनकी याचिका के खिलाफ गया।
25 नवंबर को उनकी गिरफ्तारी से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जिसकी परिणति 27 नवंबर को चैटोग्राम कोर्ट बिल्डिंग के बाहर उनके अनुयायियों और कानून प्रवर्तन के बीच हिंसक झड़पों में हुई, जिसके परिणामस्वरूप एक वकील की मौत हो गई। बांग्लादेश में पांच अगस्त को शेख हसीना नीत अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से अशांति बनी हुई है तथा देश के 50 से अधिक जिलों में सैकड़ों हमले हो चुके हैं।
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