राज्य सरकार के जिले रद्द करने के अदूरदर्शी फैसले के दुष्परिणाम सामने आने लगे -गहलोत 

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राज्य सरकार के जिले रद्द करने के अदूरदर्शी फैसले के दुष्परिणाम सामने आने लगे -गहलोत 

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार के जिले रद्द करने के फैसले के पर सवाल उठाते हुए कहा कि कहा कि “एक समाचार पत्र रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार के जिले रद्द करने के अदूरदर्शी फैसले के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। राइजिंग राजस्थान के नाम पर नए जिलों में निवेश समिट हुए और व्यवसायियों ने सरकार पर भरोसा कर एमओयू किये परन्तु सरकार ने उनसे साथ एक प्रकार का विश्वासघात किया है। व्यवसायियों को भी नए जिलों से मिलने वाली सुविधाएं और प्रशासन का सुगम सहयोग नहीं मिल सकेगा। इस कारण अब ये व्यवसायी वहां निवेश करने से इन्कार कर रहे हैं जिससे वहां के युवाओं के रोजगार के लाखों मौके खत्म हो गए। 

भारत सरकार ने प्रशासनिक इकाइयों की सीमाएं सील करने की सीमा जुलाई, 2025 तक बढ़ा दी हैं। राजस्थान सरकार को युवाओं के भविष्य एवं आमजन की सुविधाओं को देखते हुए राजनीतिक चश्मे से लिए इस निर्णय को बदलकर राज्यहित में जिलों एवं संभागों को पुन: बहाल करना चाहिए।”

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