केजरीवाल के हलफनामे पर BJP का सवाल...
राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया, जिसमें उन्होंने अपने परिवार की कुल संपत्ति 4.2 करोड़ रुपये घोषित की। 2020 में, केजरीवाल ने 3.4 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी, जो 2015 से 1.3 करोड़ रुपये की मामूली वृद्धि थी। 2015 में केजरीवाल की कुल संपत्ति 2.1 करोड़ रुपये थी। चुनाव आयोग (ईसी) को सौंपे गए केजरीवाल के हलफनामे के अनुसार, केजरीवाल के पास कुल 3,46,849 रुपये की चल संपत्ति है, जिसमें 50,000 रुपये नकद शामिल हैं। उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल के पास 1,00,89,655 रुपये की चल संपत्ति है, जिसमें 42,000 रुपये नकद शामिल हैं। उनकी अचल संपत्ति 1.7 करोड़ रुपये की है।
हलफनामे में यह भी खुलासा हुआ कि केजरीवाल के पास कोई घर या कार नहीं है। हालांकि, इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 2014-15 से, अरविंद केजरीवाल अपने आय स्रोत को विधायक पारिश्रमिक के रूप में दिखाते हैं। बिना किसी अन्य स्रोत के 2020-21 में उनकी आय 40% कैसे बढ़ गई। ये पैसा कहां से आया? उन्होंने कहा कि 2020-21 वह समय था जब लोग कोविड के कारण घर पर थे, वे उस समय लोगों की जान बचाने में लगे हुए थे। उस समय आप और आपके 'शराब' मंत्री दिल्ली की शराब नीति बना रहे थे।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की फरवरी 2023 में वेतन भत्ते वृद्धि से पूर्व में दिल्ली में तत्कालीन मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल को 72,000 रूपए प्रति माह मिलता होगा जो वृद्धि के बाद 1,70,000 रूपए प्रति माह मिला होगा। इसी तरह जब वह पूर्व में 2014-15 में 7 माह सामान्य विधायक रहे तो उन्हे 55,000 रूपए का वेतन एवं भत्ते मिले होंगे। अब 17 सितम्बर 2015 के बाद से फिर उन्हे सामान्य विधायक का 90,000 रूपए वाला वेतन मिल रहा होगा। इस हिसाब से चलते हुए हम देखें तो अरविंद केजरीवाल के 2013-14 से 2024-25 तक की जो बेसिक बिना भत्ता आय भी बनती है वह उनके द्वारा कल 15 जनवरी 2025 को नामांकन पत्र दायर करते हुए जो हालफनामा दायर किया है उसमें दिए विवरण से मेल नही खाती।
उन्होंने कहा कि इस हिसाब से चलते हुए हम देखें तो अरविंद केजरीवाल के 2013-14 से 2024-25 तक की जो बेसिक बिना भत्ता आय भी बनती है वह उनके द्वारा कल 15 जनवरी 2025 को नामांकन पत्र दायर करते हुए जो हालफनामा दायर किया है उसमें दिए विवरण से मेल नही खाती। वर्ष 2014-15 में जब उनकी विधायक आमदानी 3 माह बंद थी उस वर्ष उनकी सामान्य आय से कहीं अधिक है। इस वर्ष उन्होने आय 7,42,884 दिखाई है। 2015-16 वर्ष में जब 30,000 के बेसिक एवं 72,000 रूपए प्रति माह उनका भत्ते सहित वेतन था उस वर्ष उन्होने अपनी वार्षिक आय मात्र 2,46,946 रूपए बताई है।
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