हिमाचल विधानसभा में स्पीकर और विपक्ष के बीच गतिरोध खत्म

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   हिमाचल विधानसभा में स्पीकर और विपक्ष के बीच गतिरोध खत्म

शिमला । हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के बीच विधानसभाअध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया और विपक्षी भाजपा के सदस्याें के बीच चल रहा गतिरोध मंगलवार को खत्म हो गया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत मामला उठाते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की चुनाव के समय की गई टिप्पणी से भाजपा विधायक आहत हैं। उन्होंने कहा कि सदन चलना चाहिए, सहमति बननी चाहिए और सदन में चल रहे गतिरोध के लिए विपक्ष को दोषी ठहराना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने पिछले कल कर्मचारियों की सैलरी नहीं मिलने पर विधानसभा में चर्चा मांगी थी। यह गंभीर आर्थिक संकट है, सरकार कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रही है और सदन को इस पर गंभीर होना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि वो सदन में पूरी निष्पक्षता से काम कर रहे हैं और उन्होंने सदन में ऐसा व्यवहार नहीं किया, जिसके लिए उन पर अंगुली उठाई जा सके। उन्होंने कहा कि हम चुनाव लड़ते हैं, वो पांचवी बार विधानसभा पहुचे हैं। चुनाव के हालात अलग होते हैं, वहां जो भी शब्दों का प्रयोग होता है, वो चुनाव में लाभ के लिए होता है और वो जुमले होते हैं। उन्होंने कहा कि उस समय परिस्थिति ऐसी थी कि कांग्रेस की सरकार एक साल के अंदर जा रही है। उन परिस्थितियों में ये शब्द बोले गए थे। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा कि अगर वो आहत हुए हैं तो वे पत्रकार वार्ता कर इस पर स्थिति स्पष्ट कर देंगे।

विपक्ष के विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के प्रस्ताव पर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि उन्होंने इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया है, क्योंकि यह नियमों की परिधि में नहीं है। उन्होंने इस सबंध में नियमों को पढ़कर सुनाया और कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को हटाने का नोटिस सत्र शुरू होने से 14 दिन पहले देना होता है और यह लिस्ट ऑफ बिजनेस में एंटर होना चाहिए। विपक्षी ने नियम-274 के तहत नोटिस तो दिया, लेकिन यह लिस्ट ऑफ बिजनेस में एंटर नहीं था और 14 दिन पहले नोटिस नहीं दिया गया था। इसलिए विपक्ष के इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष पठानिया ने स्पष्ट किया कि मौजूदा विधानसभा के छह सत्रों में उनका आचरण निष्पक्ष रहा है। लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका सतापक्ष से ज्यादा महत्वपूर्ण रहती है, क्योंकि सरकार की कारगुजारी का लेखा जोखा भी विपक्ष ही लेता है। उन्होंने सदन में विपक्ष के सवालों को पूरी प्राथमिकता दी है।

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सदन के नेता व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने हमेशा विपक्ष को बोलने के लिए सदन में खूब मौके दिये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कल विपक्ष की ओर से कर्मचारियों को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन विपक्षी सदस्य विपिन परमार ने अगल ही मुददा उठा दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष जो भी मुददा उठाना चाहते हैं, वो प्रश्नकाल के बाद ही लाएं। प्रदेश सरकार विपक्ष की हर चर्चा का जवाब देगा। उन्होंने कहा कि सतापक्ष कानून व्यवस्था और राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने विपक्ष से अनुरोध किया है कि प्रश्नकाल बेहद महत्वपूर्ण होता है और वे प्रश्नकाल के बाद ही अपने मु्द्दों पर बात रखें।

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