ऋषिकेश नगर में छोटी दीवाली पर्व को गढ़वाल के प्रमुख त्योहार बग्वाल के रूप में मनाया

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ऋषिकेश नगर में छोटी दीवाली पर्व को गढ़वाल के प्रमुख त्योहार बग्वाल के रूप में मनाया

ऋषिकेश। ऋषिकेश नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी दीवाली पर्व को गढ़वाल के प्रमुख त्योहार बग्वाल के रूप में मनाया गया। बुधवार को नगर के साथ ही उससे सटे तमाम ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से ही पर्व की तैयारियां शुरू कर दी थी, जिसके चलते लोगों ने घरों में अपनी गायों को नहलाकर उनकी पूजा अर्चना कर उन्हें मंडुवे और चावल से बने पकवानों (बाड़ी) का भोग लगाया साथ ही गाय माता के सींग में सरसों का तेल लगाकर फूल मालाओं से सजाया।

अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. राजे नेगी ने बताया कि पहाड़ में छोटी दीवाली को बग्वाल पर्व और दीपावली की ठीक 11 दिन बाद इगास बग्वाल पर्व के रूप में मनाया जाता है।

डॉ. नेगी ने बताया कि इस दिन रक्षाबंधन पर हाथ पर बंधे रक्षासूत्र को गाय के बछड़े की पूंछ पर बांधकर मन्नत पूरी होने के लिए आशीर्वाद भी मांगा जाता है। पहाड़ में बग्वाल और गोवर्धन पूजा दोनों ही दिन गाय माता की पूजा और उनको पूरी-पकौड़े, स्वाले, चावल और मंडुवे से बने पकवानों का भोग लगाया जाता है।

डाॅ. नेगी ने सभी लोगो से इको फ्रेंडली दिवाली मनाए जाने की अपील करते हुए कहा कि बहुत बड़े साइज के पटाखों के कारण वातावरण में ध्वनि एवं वायु प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है। साथ ही यह दुर्घटनाओं का कारण भी बन जाता है। उन्होंने एक दिया सीमा पर तैनात जवानों के नाम जलाए जाने की भी अपील की।

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