स्वर्णमयी मां अन्नपूर्णा के दरबार में लगातार दूसरे दिन श्रद्धालुओं की कतार, खजाना पाकर निहाल

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  स्वर्णमयी मां अन्नपूर्णा के दरबार में लगातार दूसरे दिन श्रद्धालुओं की कतार, खजाना पाकर निहाल

वाराणसी । स्वर्णमयी मां अन्नपूर्णा के दरबार में लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी रही। मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए मां अन्नपूर्णा का कपाट खुला तो भक्त दर्शन संग खजाना पाकर निहाल हो गए। अलसुबह से ही दर्शन पूजन का सिलसिला अनवरत चल रहा है। मंदिर के मंहत शंकर पुरी महाराज सहयोगियों के साथ श्रद्धालुओं में प्रसाद स्वरूप खजाना वितरण करते रहे। धनतेरस पर्व से ही शुरू दर्शन पूजन का सिलसिला अन्नकूट महोत्सव तक चलता रहेगा।

मंदिर प्रबंधन के अनुसार स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दरबार में पहले दिन प्रसाद खजाना में 6 लाख 50 हजार सिक्के बांटे गए। मंदिर का पट भक्तों के लिए खुलने से पहले मंदिर के महंत ने खजाने का विधि विधान पूर्वक पूजन किया। मंदिर के अर्चक और पांच ब्राह्मणों ने सविधि पूजन किया। इसके बाद महंत शंकर पुरी ने माता रानी की मंगला आरती की। काशी में मान्यता है कि काशीपुराधिपति महादेव ने भी माता अन्नपूर्णा से अपने भक्तों का भरण पोषण के लिए भिक्षा मांगी थी। लोगों में विश्वास है कि अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी प्रतिमा के दर्शन के बाद इस खजाना रूपी प्रसाद को अपने तिजोरी या अन्न भंडार में रखने से पूरे साल उसपर मां अन्नपूर्णा की कृपा होती है और उसके घर अन्न धन धान्य की कभी कमी नहीं होती।

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मंदिर में उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। मंदिर में बने कंट्रोल रूम से व्यवस्था पर लगातार नजर रखी जा रही है। मंदिर में बने चिकित्सा शिविर में बीमार होने वाले भक्तों को दवा दिया जा रहा है। मंदिर के सेवादार व्यवस्था में सहयोग के साथ दिव्यांग बुजुर्ग लोगों को दर्शन पूजन में पूरा सहयोग दे रहे है। मंदिर के प्रबंधक काशी मिश्रा स्वर्णिम प्रतिमा का दर्शन् पूजन रात 11 बजे तक होता है। वर्ष में चार दिन के लिए माता के स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन होते हैं। इस बार पॉच दिन तक होगा। इसके बाद माता के स्वर्णमयी विग्रह के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।

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