किसी कर्मचारी को निलंबित करने और बर्खास्त करने में क्या अंतर है।

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 किसी कर्मचारी को निलंबित करने और बर्खास्त करने में क्या अंतर है।

Difference Between Suspend And Dismiss

'निलंबित और बर्खास्त'  दोनों शब्दों में अंतर क्या है और इनका इस्तेमाल कब किया जाता है ? हम आपको हिंदी के इन दोनों ही शब्दों का असल मतलब बताने जा रहे हैं !

दरअसल, सरकारी नौकरी में दो तरह के मुख्य दंड होते हैं, पहला 'लघु दंड (Minor Penalty)' और दूसरा 'दीर्घ दंड (Major Penalty).' निलंबन और बर्खास्त इन्हीं दोनों दंडों को परिभाषित करते हैं !

क्या होता है बर्खास्त करना !
बर्खास्त (Dismiss or Terminate) करने का मतलब है किसी कर्मचारी को उसकी नौकरी से हमेशा के लिए निकाल देना. इसका अधिकार विभाग के सर्वोच्च अधिकारी के पास होता है. बता दें कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाता है तो वह शख्स भविष्य में भी किसी सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई नहीं कर सकता है. इसके अलावा उसे चुनाव लड़ने की भी अनुमति नहीं होती है !

क्या बर्खास्त होने पर सैलरी मिलती है ?
नहीं. नौकरी से बर्खास्त होने के बाद शख्य को किसी तरह की कई सैलरी या भत्ता नहीं मिलता है. कर्मचारी को केवल ग्रेजुएटी ही मिलती है. साथ ही इस स्थिति में PF भी नहीं मिलता है !

क्या होता है निलंबित करना ?
किसी कर्मचारी को निलंबित (Suspend) करने का मतलब है कि वह एक निश्चित समय तक ऑफिस में काम नहीं करेगा. यह एक तरह का ऑफिशियल दंड है जो कर्मचारी को उसके बड़े अधिकारी द्वारा दिया जाता है. आप किसी भी कर्मचारी को लंबे वक्त के लिए सस्पेंड नहीं कर सकते हैं. निलंबन के दौरान कर्मचारी पर लगे आरोपों की जांच होती है और विभाग द्वारा तय समय सीमा खत्म होने के बाद कर्मचारी पहले की तरह अपनी नौकरी पर लौट आता है !

वहीं, अगर किसी कर्मचारी ने ऑफिस में रहते हुए कोई बड़ा अपराध किया है तो इस पर लंबी जांच चलती है. इसके बाद ही कर्मचारी के भविष्य पर कोई फैसला लिया जाता है. इस दौरान दोषी पाए जाने पर आरोपी को बर्खास्त कर दिया जाता है !
क्या निलंबन के दौरान सैलरी मिलती है ?
निलंबन के दौरान कर्मचारी को उसकी सैलरी का आधा हिस्सा और महंगाई भत्ता मिलता है. हालांकि नौकरी पर वापस लौटने के बाद कर्मचारी को उसकी पूरी सैलरी मिल जाती है !

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