Russia पर भड़कते हुए भारत ने कर दी ये डिमांड
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर आने वाले हैं। इसकी अटकलें काफी दिनों से लग रही हैं। दरअसल, इस साल भारत-रूस वार्षिक समिट का मेजबान भारत ही हैं। इसके मद्देनजर दोनों देशों के डेलीगेशन के बीच तैयारियां भी जारी हैं। इन्हीं तैयारियों के बीच भारत ने रूस से अपनी मांग को दोहराने का काम किया है। भारत रूस से लगातार ये बात कह रहा है कि वहां रूस की सेना में मौजूद भारतीयों को वापस करना चाहिए। इससे जुड़े सवाल को लेकर विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर से जवाब जारी किया है। खबर है कि रूसी सशस्त्र बलों में काम कर रहे 12 भारतीयों की मौत हुई है। मंत्रालय ने जानकारी दी है कि लगभग 18 भारतीय नागरिक अभी भी वहां सेना में सेवारत हैं, जिनमें से 16 के ठिकानों का पता नहीं चल पा रहा है। यानी रूस ने उन्हें मीसिंग करार दिया है। तकरीबन ये बताया जा रहा है कि रूसी सेना में 126 भारतीय नागरिक काम कर रहे थे, जिनमें से 96 लोगों की भारत वापसी हो चुकी है। वहीं 18 नागरिक अभी भी वहां सेवा दे रहे हैं, जिनमें से 16 लोगों का पता नहीं चल पाया है।
भारत ने साफ तौर पर रूस के सामने ये बात रखी है कि जल्द से जल्द वहां जितने भी भारतीय सेवारत हैं, उनकी सकुशल वापसी करवाई जाए। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि रूसी पक्ष ने उन्हें लापता के रूप में वर्गीकृत किया है। विदेश मंत्रालय रूसी अधिकारियों द्वारा लापता बताए गए सभी 16 भारतीयों के परिवारों के संपर्क में है। उन्होंने कहा, हम लापता भारतीय नागरिकों के ठिकाने का पता लगाने और लोगों की शीघ्र स्वदेश वापसी के लिए रूसी अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं। इस हफ्ते, विदेश मंत्रालय ने केरल के एक भारतीय की मौत की पुष्टि की थी। त्रिशूर के रहने वाले बिनिल टीबी की मौत की खबर सबसे पहले उनके एक रिश्तेदार ने सोमवार को सार्वजनिक की थी।
जायसवाल ने बिनिल की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि मॉस्को में भारतीय दूतावास उनके शव को वापस लाने के लिए रूसी अधिकारियों के संपर्क में है। जायसवाल ने बताया कि घायल हुए केरल के एक अन्य निवासी का फिलहाल मॉस्को के एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
Comment List