पाकिस्तानी सेना ने 3 पत्रकारों को सरेआम फांसी पर चढ़ा दिया?
पाकिस्तान के कुछ महशूर पत्रकार रहस्मय तरीके से गायब हैं। उनसे जुड़ी कोई जानकारी किसी के पास नहीं है। लेकिन इसी बीच ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर के इशारों पर इन पत्रकारों को अगवा किया गया और फिर इन्हें सूली पर लटका दिया है। उनका दोष बस इतना था कि ये पत्रकार अपनी रिपोर्टिंग में पाकिस्तान का सच दिखाते थे। पाकिस्तानी हुक्मरानों को बेपर्दा करते थे।
भारत के खिलाफ पाक फौज और आईएसआई की खूनी साजिश का पर्दाफाश करते थे। तभी पाकिस्तानी इन पत्रकारों को भारत का एजेंट करार देते थे। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या भारत का नाम लेने भर से शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानियों को फांसी दे दी? पाकिस्तानी पत्रकार, सना अमजद, शोएब चौधरी, नाईला खान को लेकर दावा किया जा रहा है कि शहबाज शरीफ और जनरल आसिम मुनीर ने फांसी पर लटका दिया है। यानी सीधे मौत दे दी। ये बात तो किसी से छिपी नहीं है कि पाकिस्तान में आजादी सिर्फ सरकारी दस्तावेजों में है। असल में पाकिस्तान में सच बोलना सबसे बड़ा गुनाह है। तभी तो पाकिस्तान के कुछ यूट्यूबर जो न किसी संस्था से जुड़े थे और न ही किसी चैनल से बस माइक लेकर पाकिस्तान की गली गली में घूमते थे। पाकिस्तानी आवाम की आवाज को दुनिया से रूबरू करवाते थे। लेकिन दावा किया जा रहा है कि इन्हीं पाकिस्तानी पत्रकारों को पाक फौज और आईएसआई ने सूली पर लटका दिया वो भी शहबाज और मुनीर के ऑर्डर पर।
पाकिस्तान से हिंदुस्तान की तुलना करने की सजा मिली। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट में जो दावा किया जा रहा है उसके मुताबिक पाक फौज और आईएसआई ने पहले पाकिस्तानी पत्रकारों को धमकी दी फिर पत्रकारों को उनके घर से किडनैप किया गया। अब पत्रकारों को फांसी पर लटकाने का दावा किया जा रहा है।
मशहूर पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी ने अपने चैनल पर खुद दावा किया कि उन्हें भी धमकी वाले कॉल आए। घर से उठाने की चेतावनी दी गई। आरजू काजमी सही सलामत हैं। लेकिन आरजू काजमी ने भी दावा किया कि पाकिस्तान के पत्रकारों को डराने धमकाने के साथ उन पर एक्शन लेना भी शुरू हो चुका है। पाकिस्तान में सना अमजद, शोएब चौधरी, नाईला खान जैसे यूट्यूब पत्रकारों के साथ कुछ तो गलत हुआ है और कोई न कोई अनहोनी तो हुई है।
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