MCD को SC की फटकार, जानें कोर्ट में इस हफ्ते क्या हुआ

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    MCD को SC की फटकार, जानें कोर्ट में इस हफ्ते क्या हुआ

दिल्ली में फिलहाल लागू नहीं होगी आयुष्मान भारत योजना। कुलदीप सेंगर की अंतरिम जमानत बढ़ाने से दिल्ली हाई कोर्ट का इनकार। सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी को फटकार लगाते हुए कहा कि हम हलफनामा देखकर हैरान हैं। कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस में 162 दिन बाद कोर्ट का फैसला आया। इस सप्ताह यानी 13 जनवरी से 18 जनवरी 2025 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।

दिल्ली में आयुष्मान अभी नहीं

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन के लिए केंद्र के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत का आदेश दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के खिलाफ दिल्ली सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आया, जिसमें आप सरकार को आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन के लिए केंद्र के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में पेश होते हुए दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हाई कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच सत्ता की साझेदारी को फिर से परिभाषित किया है। सिंघवी ने शीर्ष अदालत के समक्ष पेश होते हुए कहा वे हमें मजबूर नहीं कर सकते। हाई कोर्ट मुझे नीतिगत मामलों पर केंद्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए कैसे मजबूर कर सकता है? दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र की आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन का विरोध करते हुए कहा है कि यह "पहले से मौजूद स्वास्थ्य देखभाल पहलों को कमतर करने जैसा होगा।
कुलदीप सेंगर की ज़मानत बढ़ाने से HC का इनकार

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दिल्ली हाई कोर्ट ने 2017 के उन्नाव रेप केस में बीजेपी से निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर को मेडिकल आधार पर दी गई अंतरिम जमानत वढ़ाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने को कहा है। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस धर्मेश शर्मा की वेंच ने अंतरिम जमानत की अवधि वढ़ाने संबंधी सेंगर की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया और मामले को 27 जनवरी को किसी अन्य वेंच के समक्ष रखने का निर्देश दिया। जस्टिस धर्मेश शर्मा ने 2019 में निचली अदालत के जज के रूप में सेंगर को मामले में दोषी ठहराया था और सजा सुनाई थी। जस्टिस सिंह ने कहा कि हम इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं। 

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MCD का रवैया बेपरवाह 

एमसीडी की ओर से दाखिल एक हलफनामे पर नाराजगी जताई है, जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय राजधानी में अनट्रीटेड ठोस कचरे को दिसंबर 2027 तक निपटाया जाएगा। जस्टिस अभय एस. ओका की अगुवाई वाली बेंच ने वायु प्रदूषण से संबंधित एमसी मेहता मामले की सुनवाई के दौरान एमसीडी के हलफनामे को चौकाने वाला बताते हुए इसे बेपरवाह रवैया करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ठोस कचरे के बढ़ते ढेर और वैकल्पिक डंपिंग स्थलों की कमी को लेकर गंभीर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि वह सुनिश्चित करेगा कि केंद्र और दिल्ली सरकार में को-ऑर्डिनशन हो।

किसी के शरीर पर टिप्पणी मंजूर नहीं

केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार को जाने-माने विजनेसमैन वॉवी चेम्मनूर को जमानत दे दी। चेम्मनूर को एक मलयाली ऐक्ट्रेस के कथित यौन उत्पीडन मामले में गिरफ्तार किया गया है और वह न्यायिक हिरासत में है। हालांकि इसी के साथ हाई कोर्ट ने कहा कि चेम्मनूर ने दोहरे अर्थ वाले शब्दों का इस्तेमाल किया। हमारा विचार है कि प्रथमदृष्ट्या आरोपित अपराधों के तत्व मौजूद हैं। कोर्ट ने कहा, हमारे समाज में वॉडी शेमिंग स्वीकार्य नहीं है। किसी व्यक्ति के शरीर के वारे में वहुत मोटा, वहुत पतला, वहुत छोटा, वहुत लंवा, वहुत काला आदि जैसी टिप्पणियों से वचना चाहिए। एक भावना है कि हम सभी 'वहुत कुछ'' हैं और हम सभी 'पर्याप्त नहीं' हैं। यही जीवन है। हमारे शरीर बदलेंगे, हमारा दिमाग वदलेगा और हमारा दिल वदलेगा। अदालत ने कहा, हर किसी को दूसरों के वारे में टिप्पणी करते समय सतर्क रहना चाहिए, चाहे वे पुरुष हों या महिला।

 

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