अफगानिस्तान के साथ 'दुश्मनी' भुलाने को तैयार पाकिस्तान,

By Desk
On
  अफगानिस्तान के साथ 'दुश्मनी' भुलाने को तैयार पाकिस्तान,

इस्लामाबाद । पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए नए सिरे से कोशिश करने का फैसला किया है। अफगानिस्तान के लिए विशेष प्रतिनिधि सादिक खान के नेतृत्व में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की काबुल यात्रा के दौरान यह निर्णय लिया गया था।
पाकिस्तानी टीम की यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि यह अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के जाने के तुरंत बाद हुई थी।

पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा का उद्देश्य कूटनीतिक जुड़ाव को आगे बढ़ाना, व्यापार, सीमा प्रबंधन और शरणार्थी मुद्दे पर सहयोग को मजबूत करना था।

अन्य खबरें “कनाडा की कार्नी सरकार में मंत्री बनीं अनीता आनंद और कमल खेड़ा: एक विज्ञान तो दूसरा हेल्थ क्षेत्र से”

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्ष उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल यात्राओं का एक साल का कार्यक्रम बनाने पर सहमत हुए, जिसमें इशाक डार की काबुल यात्रा भी शामिल है।

अन्य खबरें  मोहताज पाकिस्तान को अब ट्रंप की झिड़की,

  "हम दोनों देशों के बीच कोई संवादहीनता नहीं छोड़ना चाहते हैं। दोनों पक्षों के मंत्री नियमित रूप से एक-दूसरे के यहां जाएंगे और ऑनलाइन बैठकों का भी कार्यक्रम है।"

अन्य खबरें  पीएम मोदी के पॉडकास्ट को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किया साझा

एजेंडे में शामिल प्रमुख और महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक तोरखम सीमा पर चल रही स्थिति है। दोनों पक्षों की तकनीकी टीमें अप्रैल में सीमा पर विवादित क्षेत्रों पर चर्चा करने के लिए मिलने वाली हैं। वे समाधान खोजने के लिए उपग्रह इमेजरी, मानचित्रों और संरचनात्मक डिजाइनों की भी समीक्षा करेंगे।

इस बीच पाकिस्तान और अफगानिस्तान पाक-अफगान तोरखम सीमा को फिर से खोलने पर सहमत हुए। विवादित सीमा के आसपास अफगान बलों की ओर से निर्माण कार्य करने की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया जिसकी वजह से तोरखम क्रॉसिंग को बंद करना पड़ा। विवाद के चलते हिंसक झड़पे भी हुईं जिसमें सीमा के निकट कई सशस्त्र बल कर्मियों और नागरिकों की मौत हो गई।

संयुक्त समन्वय आयोग (जेसीसी) की बैठक, जो लंबे समय से लंबित थी, को भी पुनर्निर्धारित किया जाएगा। जेसीसी की बैठकों की बहाली को द्विपक्षीय सहयोग को संस्थागत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

पाकिस्तान के अवैध रूप से रह रहे या अफगान नागरिक कार्ड रखने वाले लाखों अफगानों को निर्वासित करने के फैसले पर भी चर्चा की गई, क्योंकि इनके लिए स्वेच्छा से पाकिस्तान छोड़ने की समय-सीमा 31 मार्च को समाप्त हो रही है।

पाकिस्तान का कहना है कि वह समय-सीमा समाप्त होने के बाद देश में अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सभी को तोरखम सीमा के जरिए उनके देश वापस भेजा जाए।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि दोनों देशों के बीच सभी लंबित मामलों को निरंतर बातचीत के ज़रिए सुलझाया जा सकता है।

हालांकि, सुरक्षा, सीमा प्रबंधन और बाड़ लगाने से जुड़े संवेदनशील मुद्दे और अफगान नागरिकों की वापसी, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण कारक बने हुए हैं।

Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

No comments yet.

Latest News