“माही के मनस्वी" का विमोचन: अशोक गहलोत ने हरिदेव जोशी को किया स्मरण

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय हरिदेव जोशी के जीवन पर आधारित, वरिष्ठ पत्रकार सन्नी सेबेस्टियन द्वारा लिखित पुस्तक 'माही के मनस्वी' के विमोचन के अवसर पर रंगायन सभागार, जवाहर कला केंद्र में भाग लिया तथा जोशी से जुड़ी यादों को साझा किया। साथ ही, देश के वर्तमान राजनीतिक हालात पर भी विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में संबोधित करते हुए गहलोत ने जोशी की आज़ादी के पूर्व से लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री, राज्यपाल तथा कांग्रेस संगठन में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिकाओं का उल्लेख किया। पुरानी घटनाओं को याद करते हुए उन्होंने बताया कि श्री जोशी का उन पर गहरा विश्वास था और उन्होंने एक बार उनसे मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले संभावित साथियों की सिफारिश करने को कहा था।
गहलोत ने कहा कि उन्हें जोशी के सान्निध्य में रहने का अवसर मिला और वे उनके प्रति गहरा स्नेह व आशीर्वाद रखते थे। जयपुर में कांग्रेस अधिवेशन के दौरान जोशी द्वारा दिए गए अंतिम भाषण को याद करते हुए उन्होंने कहा, "जो उन्होंने मेरे बारे में जिस रूप में विचार प्रकट किए, वह भी इतिहास बन गया।"
अपने संबोधन में गहलोत ने कहा कि उन्होंने जोशी से बहुत कुछ सीखा। वर्तमान राजनीतिक हालात पर अपनी राय रखते हुए उन्होंने कहा कि आज भी लड़ाई विचारधारा की ही है। "देश के हालात जिस दिशा में जा रहे हैं, वह चिंताजनक है। कोई नहीं जानता कि आगे क्या होगा।"
इस मौके पर गहलोत ने धर्म और जाति की राजनीति पर टिप्पणी करते हुए कहा, "आज जिस रूप में राजनीति धर्म और जाति के नाम पर हो रही है, क्या हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने कभी इसकी कल्पना की थी कि आज़ादी के बाद राजनीति इस हद तक धर्म और जाति पर केंद्रित हो जाएगी?" उन्होंने इसे बेहद चिंताजनक और खतरनाक स्थिति बताया।
समारोह में गहलोत ने वरिष्ठ पत्रकार और पुस्तक के लेखक सन्नी सेबेस्टियन की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इस पुस्तक के लेखन का बीड़ा उठाकर प्रशंसनीय कार्य किया है।
इस समारोह में राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सी पी जोशी भी मौजूद थे जिन्होंने स्व. हरिदेव जोशी का स्मरण करते हुए अपने अनुभव सभी के साथ साझा किए।
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