कल है चैत्र नवरात्रि का पहला दिन, जनिए घटस्थापना मुहूर्त,
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चैत्र नवरात्रि पर चंद्र कैलेंडर के आधार पर मार्च या अप्रैल के महीनों में पड़ता है। इस दिन सनातन धर्म में हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है। चैत्र नौ दिनों तक चलता है। भक्तजन व्रत रखते हैं और माता से प्रार्थना और पूजा करते हैं। नवरात्रि में माता के 9 स्वरुपों की पूजा की जाती है। इस बार चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 रविवार को है। नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के पहले घटस्थापना या कलश स्थापना भी की जाती है। इस लेख में हम आपको चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त के बारे में बताने जा रहे हैं।
घटस्थापना या कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। घटस्थापना की शुभ अवधि 4 घंटे 08 मिनट की है। घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। कलश स्थापना की कुल अवधि 50 मिनट है।
प्रतिपदा तिथि कब से कब तक
ज्योतिष के अनुसार, प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर शुरु होगा और 30 मार्च 2025 को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी।
मां शैलपुत्री पूजा विधि
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के पूजन के लिए सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद एक चौकी लें और उसे गंगाजल से छिड़ककर शुद्ध कर लें। मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करें। अब मां दुर्गा के समक्ष धूप, दीप व शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाएं। मां शैलपुत्री को भोग लगाएं व आरती उतारें। दुर्गा चलीसा व सप्तशती पाठ करें।
मां शैलपुत्री को भोग में क्या अर्पित करें
धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता शैलपुत्री की सवारी गाय है। मान्यता है कि मां को गाय के दूध से बनी चीजों को भोग प्रिय है। आप मां शैलपुत्री को खीर या दूध से बनी मिठाईयों का भोग लगा सकते हैं।
मां शैलपुत्री मंत्र
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नमः
- या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः
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