कुणाल कामरा विवाद पर बोले मुख्तार अब्बास नकवी

नई दिल्ली । महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना उन्हें टारगेट करने पर स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने सफाई दी है। वह माफी न मांगने पर अड़े हैं। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने उनके बयान पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर अराजकता की अनुमति नहीं दी जा सकती।
मुख्तार अब्बास नकवी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "किसी को यह समझना चाहिए कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की तुलना फ्रीस्टाइल अराजकता से नहीं की जा सकती। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अराजकता और कदाचार का लाइसेंस नहीं है। कुछ लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल अराजकता और अभद्रता में लिप्त होने के लिए ढाल के रूप में कर रहे हैं। इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि उनके (कुणाल कामरा के) सस्ते हास्य व्यंग्य पर सुपारी का तड़का लगा हुआ है। इसे लेकर सवाल खड़े होना लाजिमी हैं। कुछ लोगों को यह लगता है कि वे जो भी कहना चाहें, बोल सकते हैं, क्योंकि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। मुझे लगता है कि उन्हें ऐसी गलतफहमी से बाहर निकलना चाहिए।"
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के ‘संविधान’ पर दिए गए बयान पर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "कांग्रेस पार्टी जासूसी की 'जेम्स बॉन्ड' है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि कांग्रेस का जासूसी का इतिहास रहा है। आपको याद होगा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो उसने अपने ही गृह मंत्री और वित्त मंत्री की जासूसी करवाई थी। इसलिए, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। कांग्रेस के पास इस तरह की हरकतों का लंबा रिकॉर्ड है और यह उसका मिजाज और रिवाज रहा है।"
उन्होंने बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट की बात पर टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन एक बात समझनी चाहिए कि जो लोग बुलडोजर पर हंगामा कर रहे हैं, वे कभी दंगाइयों और बाहुबलियों पर सवाल नहीं उठाते। बुलडोजर पर आपत्ति जताने वाले लोगों ने कभी बलवाइयों, बाहुबलियों की गुंडागर्दी और अहंकार की आलोचना नहीं की। इसलिए, सीएम योगी ने दंगाइयों और अपराधियों पर नकेल कसकर सामाजिक सद्भाव, सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित की है।"
मुख्तार अब्बास नकवी ने 'सौगात-ए-मोदी' किट पर कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकास एजेंडा कभी भी वोटों के लिए सौदा नहीं रहा है। पिछले 11 साल में उन्होंने समाज के आखिरी पायदान पर खड़े लोगों के जीवन में खुशियां लाने का काम किया है। विकास के मामले में उन्होंने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। यहां तक कि जो लोग मोदी को वोट देने से कतराते हैं, वे भी इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि उन्होंने अपने वादे पूरे किए हैं। उन्हें भी यकीन है कि पीएम मोदी ने बिना भेदभाव के विकास की रोशनी को आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाया है और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को खत्म करने का काम किया है।
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