मिल्कीपुर में कांग्रेस-सपा साथ, तो दिल्ली में अखिलेश का भाई AAP....अखिलेश ने कांग्रेस से क्यों बनाई दूरी?

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 मिल्कीपुर में कांग्रेस-सपा साथ, तो दिल्ली में अखिलेश का भाई AAP....अखिलेश ने कांग्रेस से क्यों बनाई दूरी?

दिल्ली में फाइनली इंडिया गठबंधन के बिखरने का काउंटडाउन शुरू हो गया है, चुनाव की घोषणा के साथ ही इंडिया गठबंधन में तनातनी खुलकर सामने आ गई है।  जी हाँ, दरअसल, चुनाव आयोग ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ साथ यूपी की मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की भी घोषणा कर दी है। मिल्कीपुर सीट पर बीते नवंबर में ही अन्य नौ सीटों के साथ उपचुनाव होना था लेकिन निर्वाचन को लेकर अदालत में याचिकाएं दायर होने की वजह से यहां उपचुनाव नहीं हो सका। हालांकि अब मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया। अब इस सीट पर पांच फरवरी को उपचुनाव होंगे और नतीजे 8 फरवरी को आएंगे। 
अयोध्या संसदीय क्षेत्र की मिल्कीपुर सीट पर सपा के साथ मिलकर लड़ने वाली कांग्रेस ने कहा कि वह इस सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। वह सपा को अपना पूरा समर्थन देगी। एक तरह से कहें तो कांग्रेस ने सपा के साथ एकजुटता दिखाई है लेकिन गठबंधन की यह एकजुटता दिल्ली में नहीं दिखी है। 

जी हाँ, दरअसल , दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने राहुल गांधी को एक बड़ा झटका दे दिया है। अखिलेश यादव ने दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है ! साथ ही अखिलेश ने भी साफ कर दिया है कि पार्टी दिल्ली चुनाव में, पार्टी नहीं उतारेगी, ऐसे में ,यूपी में इंडिया गठबंधन की सबसे अहम सहयोगी समाजवादी पार्टी का यह फैसला कांग्रेस के लिए किसी झटके से कम नहीं है। 

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इतना ही नहीं, अखिलेश यादव ने आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान करते हुए कहा कि बीजेपी को जो जितनी मजबूती से हरायेगा, उतनी ही मजबूती से हम उसका साथ देंगे। और दिल्ली मे कांग्रेस के पास मजबूत संगठन नहीं है, दिल्ली में भाजपा को केवल आप ही हरा सकती है, बीजेपी को हराने की ताकत उसी में है, इसीलिए मैं आप का समर्थन करता हूँ। अखिलेश यादव के इस बयान से दिल्ली चुनाव जीतने की आस लगाए बैठी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। 

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आपको बता दें, कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी को इंडिया गठबंधन के तहत सीट नहीं दी थी, जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा था, जबकि सपा ने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। 
हालाँकि, पिछले महीने 16 तारीख को दिल्ली में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आम आदमी पार्टी के साथ मंच साझा किया था, तभी ये संकेत मिल गये थे कि दिल्ली में अखिलेश केजरीवाल को समर्थन देंगे। वहीं, अब ऑफ कैमरा उन्होंने इस बात पर मुहर लगा दी है। आपको बता दें,  अखिलेश का समर्थन मिलने पर केजरीवाल ने सपा अध्यक्ष का तहे दिल से आभार जताया है। केजरीवल ने X पर अखिलेश को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस समर्थन के लिए वह और दिल्ली की जनता उनका आभार प्रकट करते हैं।

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मतलब साफ है कि राष्ट्रीय राजनीति के लिए जो इंडिया गठबंधन बना था वो गठबंधन अब दिल्ली के चुनावी दंगल में टूट चुका है, अखिलेश के बयान के बाद कांग्रेस के नेता तरह तरह के सवाल उठा रहे हैं, वहीं कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आप और सपा के गठबंधन पर कहा कि अगर अखिलेश यादव ने आप को समर्थन दिया तो समाजवादी पार्टी का वोटर भी कांग्रेस को वोट करेगा। संदीप दीक्षित ने यह भी दावा किया कि अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली से चुनाव हार रहे हैं। 
वैसे बता दें,  कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का रिश्ता बड़ा ही कन्फ्यूजन वाला है, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आप पंजाब में अलग अलग लड़ी, दिल्ली, गुजरात और हरियाणा, असम में गठबंधन था। अभी हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आप अलग अलग चुनाव लड़ी। 

अब दिल्ली में कांग्रेस अलग ,आम आदमी पार्टी अलग।  ऐसे में साफ है कि दिल्ली की लड़ाई ने, इंडिया गठबंधन को दो खांचों में बुरी तरह से बांट दिया है। हालाँकि, इसका नफा नुकसान तो अब चुनाव नतीजों में 8 फरवरी को ही मालूम चलेगा।

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