सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव प्रवीण गुप्ता के प्रयासों से पेंडिंग ई-फ़ाइलिंग को मिली रफ़्तार !
अधिकारियों ने शुरू किया ई फ़ाइलिंग का निस्तारण !
सरकारी दफ्तरों में फाइलों के फिजीकल मूवमेंट को खत्म करने और आईटी के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग में लागू ई-फाइल सिस्टम होने के बाद भी अधिकारी फाइलों का समय पर निस्तारण नहीं कर रहे थे,मिली जानकारी के अनुसार किसी-किसी अफ़सर के पास तो सो-सो से अधिक फाइलें पेंडिंग पड़ी थी,दरअसल इस सिस्टम में कौनसी फाइल, कब आई से लेकर कितनी देर सीट पर रही का सारा लेखा-जोखा रियल टाइम में मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री के पास पहुंचता है।
ई-फाइलिंग सिस्टम में किस ऑफिस में फाइल कब पहुंची और कितने वक्त किस सीट पर रही इसकी सारी जानकारी प्रमुख शासन सचिव से लेकर विभाग के मंत्री कार्यालय के पास रियल टाइम में जाती है।
राज्य सरकार ने फाइलों के फिजिकल मूवमेंट को खत्म करने और इसकी जगह आईटी का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए ई-फाइलिंग सिस्टम लागू किया था। सचिवालय में यह पूरी तरह से लागू हो चुका है, वहीं अधीनस्थ कार्यालयों में भी इसे लागू किया जा चुका है, अब सार्वजनिक निर्माण विभाग में मुख्य शासन सचिव प्रवीण गुप्ता के प्रयासों से अधिकारियों ने ई-फ़ाइलिंग का निस्तारण करना शुरू कर दिया है !
ई-फाइलिंग सिस्टम के तहत अधिकारी व कर्मचारी को सरकार की ओर से एसएसओ आईडी और पासवर्ड मिलते हैं। साथ ही उन्हें डिजिटल हस्ताक्षर के राइट्स भी मिलते हैं। सरकार में सभी फाइलों की स्कैनिंग कर उन्हें सिस्टम पर चढ़ाया जाता है फिर कम्प्यूटर के जरिए ऑनलाइन भेजा जाता है। इसमें फाइल का मूवमेंट बहुत तेज हो जाता है क्योंकि पहले जब फाइल एक जगह से दूसरी जगह फिजिकली भेजा जाता था तो इसमें कई दिनों का समय लगता था लेकिन यह काम अब मिनटों में बैठे-बैठे ही हो जाता है लेकिन यह सिर्फ आधा सच है, मिली जानकारी के अनुसार सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी किसी न किसी बहाने से फ़ाइलों को रोक कर रखते थे!
समय की बचत के लिए इस सिस्टम को लागू किया गया था लेकिन टाइम मैनेजमेंट ही इस सिस्टम की सबसे बड़ी समस्या बन चुका था,मिली जानकारी के अनुसार प्रमुख शासन सचिव प्रवीण गुप्ता ने एक बैठक में अधिकारियों को ई फ़ाइलिंग के तुरंत निस्तारण के निर्देश दिए थे !
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