डिस्कॉम्स चेयरमैन वरिष्ठ आईएएस आरती डोगरा एक परिचय !
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वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आरती डोगरा राजस्थान कैडर की अधिकारी हैं,उन्होंने 2006 में अपने पहले प्रयास में ही UPSC परीक्षा पास कर ली थी,अपने अट्ठारह वर्ष से ज़्यादा के करियर में उन्होंने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कई मॉडल पेश किए हैं।
आरती डोगरा का जन्म जुलाई 1979 को देहरादून, उत्तराखंड में हुआ इनकी
ऊंचाई 3 फीट और 2 इंच ,अभिभावक कर्नल राजेंद्र डोगरा (पिता),कुमकुम डोगरा (माँ) है इन्होंने अल्मा मेटर वेल्हम गर्ल्स स्कूल लेडी श्री राम कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की है !
जन्म के समय उनके माता-पिता को उनकी विकलांगता के बारे में बताया गया था,उनके माता-पिता को उन्हें एक विशेष स्कूल में भेजने के लिए कहा गया था,हालाँकि उनके पिता ने उन्हें एक सामान्य स्कूल में भेजा न कि विकलांग बच्चों के लिए बने स्कूल में।
आरती डोगरा के अनुसार, उनके माता-पिता ही उनका सबसे बड़ा सहारा हैं। वह देहरादून की पहली महिला आईएएस अधिकारी आईएएस मनीषा पंवार से प्रेरणा लेती हैं, जिनसे उनकी मुलाकात ग्रेजुएशन के दिनों में हुई थी।
आरती डोगरा का जीवन
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अपने शुरुआती दिनों में आरती डोगरा ने जोधपुर डिस्कॉम की प्रबंध निदेशक और फिर अजमेर जिले की कलेक्टर के रूप में कार्य किया,वर्तमान में वे डिस्कॉम चेयरमैन है !
वह डिस्कॉम (वितरण संगठन) जोधपुर-जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की प्रशासनिक प्रमुख (एमडी) के रूप में सेवा करने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी बनीं।
उन्होंने अजमेर के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के रूप में भी कार्य किया। इसके बाद उन्होंने बीकानेर और बूंदी के डीएम के रूप में भी कार्य किया।
2018 में, उन्हें राजस्थान के वर्तमान सीएम अशोक गहलोत के संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।
आरती डोगरा ने बीकानेर में सामुदायिक नेतृत्व वाले स्वच्छता अभियान, बैंको बिकानो की शुरुआत की। यह पहल जल और भूमि स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने और खुले में शौच को रोकने के लिए शुरू की गई थी। परिणामस्वरूप, निवासियों द्वारा 195 ग्राम पंचायतों में सैकड़ों शौचालयों का निर्माण किया गया, और इस प्रक्रिया की सरकारी अधिकारियों द्वारा बारीकी से निगरानी की गई।
उन्होंने दिव्यांग लोगों को वोट डालने और अपने राज्य विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने दिव्यांग लोगों के लिए विशेष व्यवस्था की, दिव्यांग रथों की व्यवस्था की और दिव्यांग लोगों की सहायता के लिए बूथ स्तर के अधिकारियों को नियुक्त किया। नतीजतन, रिकॉर्ड 17,000 दिव्यांग लोगों ने मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला।
बीकानेर में डीएम के पद पर रहते हुए आरती ने डॉक्टरों को अपने-अपने अस्पतालों में एक अनाथ बच्ची को गोद लेने और उसके भोजन, आश्रय और शिक्षा की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित किया। नतीजतन, 40 डॉक्टरों ने 40 बच्चियों की जिम्मेदारी ली और यह चलन आज भी जिले में जारी है।
जोधपुर डिस्कॉम में एमडी के पद पर कार्यरत रहते हुए उन्होंने जोधपुर में कुल 3 लाख 27 हजार 819 एलईडी वितरित किए। इस पहल के पीछे का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सभी तक सबसे कम बिजली और कम लागत पर बिजली पहुंचे।
तीन ज़िलों की कलेक्टर रही
आरती डोगरा बूंदी, अजमेर और बीकानेर की कलेक्टर रहीं हैं. कई जिलों में अतिरिक्त जिला कलेक्टर रहीं हैं. बीकानेर जिला कलेक्टर रहते हुए उन्होंने खुले में शौच के खिलाफ शानदार अभियान चलाया था. 'बंको बिकाणों' के नाम से मशहूर इस अभियान ने देश भर में मिसाल कायम की थी. अशोक गहलोत जब तीसरी बार मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने आरती डोगरा को अपना सचिव बनाया था !
पुरस्कार और सम्मान
1- बेटियाँ अनमोल हैं पुरस्कार
2- आरती डोगरा को अजमेर विधानसभा चुनाव में जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा 2019 में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
3- राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया को बेहतर प्रशासन के लिए आरती डोगरा की उत्सुकता बेहद पसंद आई,राजस्थान के मौजूदा सीएम अशोक गहलोत ने भी उनकी तारीफ की थी !
इनके पूर्व में किए गए कार्यों को देखते हुए वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इन पर विश्वास जमाते हुए डिस्कोंम चेयरमैन बनाया है !
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