राजस्थानी भाषा, साहित्य, संस्कृति पर हम सभी को गर्व : ओंकार सिंह लखावत

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  राजस्थानी भाषा, साहित्य, संस्कृति पर हम सभी को गर्व : ओंकार सिंह लखावत

बीकानेर । राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि राजस्थानी अत्यंत समृ़द्ध भाषा है। राजस्थानी भाषा, साहित्य, संस्कृति पर हम सभी को गर्व होना चाहिए।

लखावत रविवार को रोटरी क्लब बीकानेर की ओर से रोटरी भवन, सादुलगंज में आयोजित राज्य स्तरीय राजस्थानी भाषा समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। समारोह में प्रदेश के राजस्थानी साहित्यकारों को विभिन्न पुरस्कार प्रदान किये गये।

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लखावत ने बताया कि प्रदेश के महापुरुषों की पावन स्मृति में उनके स्मारक बनवाए जा रहे हैं। बीकानेर में राव बीकाजी के भव्य स्मारक का शीघ्र ही निर्माण होगा। राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता के लिये किये गये प्रयासों की जानकारी देते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राजस्थानी को मान्यता अवश्य मिलेगी। लखावत ने कहा कि हम युवा पीढ़़ी को राजस्थानी बोलने, लिखने व पढ़ने के लिये प्रोत्साहित करेें तथा उन्हें राजस्थान के गौरवशाली इतिहास की जानकारी दें।

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वरिष्ठ साहित्यकार व शिक्षाविद् डाॅ. मदन केवलिया ने कहा कि मायड़ भाषा हमारा गौरव है। राजस्थानी साहित्य में वीरता, उत्साह, भक्ति, श्रंगार, हास्य आदि सभी रसों के जीवंत उदाहरण देखने को मिलते हैं।

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संयोजक अरुण प्रकाश गुप्ता ने रोटरी क्लब की गतिविधियों का परिचय देते हुए राजस्थानी भाषा को बढ़ावा देने संबंधी आगामी योजनाओं पर प्रकाश डाला। मनमोहन कल्याणी ने स्वागत भाषण दिया।

राजेश चूरा ने बताया कि पुरस्कारों के तहत राजस्थानी बाल साहित्य पुरस्कार भी प्रतिवर्ष प्रदान किया जाएगा।

रोटरी क्लब अध्यक्ष सुनील सारड़ा ने आभार व्यक्त किया।

वरिष्ठ उद्घोषक किशोरसिंह राजपुरोहित ने समारोह का संचालन किया। इस अवसर पर कवि कैलाश मंडेला ने काव्य पाठ किया। डी. डी. व्यास, राजेन्द्र बोथरा ने भी विचार व्यक्त किये। पृथ्वीराज रतनू, मनीष तापड़िया, सुनील गुप्ता, दिनेश आचार्य ने पुरस्कृत साहित्यकारों का परिचय दिया। कलासन प्रकाशन की ओर से पुस्तक प्रदर्शनी लगाई गयी।

इन्हें किया गया पुरस्कृत समारोह के दौरान वर्ष 2024 का ‘कला डूंगर कल्याणी‘ राजस्थानी शिखर पुरस्कार (इक्यावन हजार रुपए) बीकानेर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मदन केवलिया को, ‘खींवराज मुन्नीलाल सोनी‘ राजस्थानी गद्य पुरस्कार (इक्कीस हजार रुपए) रामगढ़, नोहर के साहित्यकार पूर्ण शर्मा ‘पूरण‘ को, ‘बृज उर्मी अग्रवाल‘ राजस्थानी पद्य पुरस्कार (ग्यारह हजार रुपए) भीलवाड़ा के साहित्यकार कैलाश मण्डेला को तथा ‘राजस्थानी बाल साहित्य पुरस्कार’ (पाँच हजार रुपए) लक्ष्मणगढ़, सीकर की साहित्यकार विमला महरिया ‘मौज’ को प्रदान किया गया। पुरस्कृत साहित्यकारों को चेक, स्मृति चिन्ह, शाॅल, श्रीफल आदि भेंट कर सम्मानित किया गया।

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