अनलक्ष्य मेटामटेरियल सरफेस क्लोकिंग सिस्टम अत्यंत उन्नत और अद्वितीय: प्रो.मणीन्द्र अग्रवाल
कानपुर ।अनलक्ष्य मेटामटेरियल सरफेस क्लोकिंग सिस्टम अत्यंत उन्नत और अद्वितीय है। हमें उम्मीद है कि यह नवाचार हमारे रक्षा बलों की स्थिति को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगा। यह बात मंगलवार देर रात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा।
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आईआईटी कानपुर रक्षा क्षेत्र के लिए उभरने वाली ऐसी कई और तकनीकों का नेतृत्व करेगा। प्रो. रामकृष्ण, प्रो. श्रीवास्तव, प्रो. रामकुमार और छात्र समूह को असाधारण स्टील्थ गुणों वाली इस उल्लेखनीय सामग्री को विकसित करने के लिए बहुत—बहुत बधाई।
अनलक्ष्य एमएससीएस को रक्षा और सुरक्षा अनुप्रयोगों के लिए स्टेल्थ तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। व्यापक स्पेक्ट्रम में नियर-परफेक्ट वेब अब्सॉर्प्शन की पेशकश करके, यह सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) इमेजिंग का मुकाबला करने की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है, और रडार मार्गदर्शन का उपयोग करने वाली मिसाइलों से भी प्रभावी सुरक्षा प्रदान करेगा। आधुनिक युद्ध के लिए तैयार, यह अत्याधुनिक नवाचार परिचालन क्षमताओं को मजबूत करता है, भारत के सशस्त्र बलों को रणनीतिक श्रेष्ठता बनाए रखने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्नत उपकरण प्रदान करता है।
अनलक्ष्य एमएससीएस आई आई टी कानपुर भौतिकी विभाग के प्रोफेसर अनंथा रामकृष्ण, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर कुमार वैभव श्रीवास्तव और आईआईटी कानपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर जे रामकुमार के दिमाग की उपज है, जिसे उनके प्रतिभाशाली छात्रों की टीम: गगनदीप सिंह, डॉ काजल चौधरी और डॉ अभिनव भारद्वाज के साथ-साथ अन्य पीएचडी विद्वानों के द्वारा विकसित किया गया है। यह कपड़ा आधारित ब्रॉडबैंड मेटामैटेरियल माइक्रोवेव अवशोषक एक व्यापक स्पेक्ट्रम में लगभग पूर्ण तरंग अवशोषण प्रदान करता है, जो सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) इमेजिंग के खिलाफ स्टील्थ क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है।
कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि भारतीय वायु सेना के एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने कहा "यह क्रांतिकारी कैमोफ्लाज तकनीक आज सेनाओं के सामने सबसे बड़ी परिचालन चुनौतियों में से एक : आधुनिक खुफिया, निगरानी और टोही प्रणालियों की व्यापक और सटीक पहुंचने का मुकाबला करने में एक साहसिक छलांग का प्रतिनिधित्व करती है। मैं प्रोफेसरों, शोधकर्ताओं और छात्रों की टीम की सराहना करता हूं उन्होंने उल्लेखनीय संसाधन और समर्पण का प्रदर्शन किया है, बहुत कम वित्त पोषण के साथ एक पूर्ण विकसित उत्पाद विकसित किया है। यह उपलब्धि सिर्फ एक उत्पाद नहीं है, यह इस बात का प्रतीक है कि जब विज्ञान राष्ट्रीय रक्षा के मिशन की सेवा करता है तो क्या संभव है।"
अधिकारी रुचा खेडेकर ने उक्त जानकारी देते हुए बुधवार को बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर ने मंगलवार को देर शाम मेटामैटेरियल सरफेस क्लोकिंग सिस्टम के लॉन्च के साथ स्टील्थ तकनीक में एक अग्रणी प्रगति की घोषणा की। अग्रणी शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा विकसित, यह अभिनव प्रणाली मल्टी स्पेक्ट्रल स्टील्थ क्षमताओं में एक नया मानदंड स्थापित करती है, जो रक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा और विशिष्ट उद्योगों में परिवर्तनकारी अनुप्रयोग प्रदान करती है।
इस अनावरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय वायु सेना के एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित,लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मैथसन,एयर मार्शल राजेश कुमार, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे । इस अवसर पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल, प्रो० तरुण गुप्ता, डीन, आरएंडडी, आईआईटी कानपुर और मेटल तत्व सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक एयर वाइस मार्शल प्रवीण भट्ट, एयर कमोडोर अजय चौधरी और ब्रिगेडियर अभिनंदन सिंह सहित प्रतिष्ठित रक्षा क्षेत्र के लीडरों की उपस्थिति ने समारोह को और समृद्ध बना दिया।
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