केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से जुड़े फोन टैपिंग मामले में राज्य सरकार को दायर केस वापस लेने की मंजूरी मिली !
केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से जुड़े फोन टैपिंग मामले में दिल्ली पुलिस के एफआईआर दर्ज करने को लेकर केन्द्र और राज्य सरकार के बीच चल रहा टकराव समाप्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को दिल्ली पुलिस के एफआईआर दर्ज करने के खिलाफ दायर केस वापस लेने की मंजूरी दे दी है।
राज्य सरकार ने पेश किया था प्रार्थना पत्र
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार के खिलाफ लंबित दावा वापस लेने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से पेश प्रार्थना पत्र को मंजूर करते हुए यह आदेश दिया। प्रार्थना पत्र में कहा था कि गजेन्द्र सिंह के खिलाफ मौजूदा मामले में कोई मेरिट नहीं है, इसलिए इसे वापस लिया जाना चाहिए। प्रार्थना पत्र के अनुसार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र सरकार के खिलाफ दावा पेश किया था। दावे में कहा था कि 25 मार्च 2021 को शेखावत की ओर से क्राइम ब्रांच, नई दिल्ली के पास दर्ज कराई एफआईआर की जांच और अभियोजन का अधिकार राज्य सरकार को है।
इस मामले में दिल्ली पुलिस के बजाय राजस्थान पुलिस को जांच सौंपी जाए। इस एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 409/120 बी और भारतीय तार अधिनियम, 1885 की धारा 26, आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 72 और 72ए के तहत आरोप शामिल थे। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने 5 फरवरी 2024 को इस मामले में दावा जारी रखने या नहीं रखने पर निर्णय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा था।
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