विंड पैटर्न बदलने व विक्षोभ से पलटेगा मौसम का मिजाज, तीसरे सप्ताह में बढ़ेगी हल्की सर्दी
जयपुर। इस साल मानसून के दौरान हुई बंपर बारिश के बाद मानसून की विदाई के साथ ही दिन के तापमान में आए उछाल ने सर्दी की दस्तक पर आंशिक ब्रेक लगा दिए हैं। हालांकि सुबह-शाम गुलाबी ठंडक लोगों को महसूस हो रही है।
अक्टूबर- नवंबर में कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना फिलहाल नजर नहीं आ रही है।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अक्टूबर में मानसून विदा होने के बाद अब पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने पर प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की बारिश होने की संभावना है। विक्षोभ की सक्रियता बढ़ने पर सर्द मौसम के रफ्तार पकड़ने के आसार हैं। फिलहाल प्रदेश के अधिकांश जिलों में दिन में पारा सामान्य से तीन चार डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा रहने से उमस और गर्मी का जोर बना रहा है। हालांकि अब अधिकतम तापमान 40 डिग्री से कम दर्ज हो रहा है, लेकिन पारा सामान्य से अधिक रहने और हवा में सापेक्षित आर्द्रता 90 फीसदी तक दर्ज होने पर गर्मी और उमस लोगों को बेचैन कर रही है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी प्रशांत महासागर में अलनीनो के कमजोर पडऩे और ला-नीना के सक्रिय होने की संभावना है। जो सर्दी को बढ़ाने में सहायक हो सकती है। ला-नीना के कारण सामान्य तौर पर तापमान में गिरावट आती है। सर्दियों में भी इसके चलते अधिक वर्षा होती है। जिससे प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में तापमान सामान्य से कुछ कम हो जाता है। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से प्रदेश में दिन के तापमान में आंशिक गिरावट शुरू होने के आसार हैं। वहीं तीसरे सप्ताह तक हल्की ठंडक बढऩे की उम्मीद है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अच्छे मानसून सीजन के बाद अब इस साल कड़ाके की सर्दी पडऩे की संभावना है। अक्टूबर-नवंबर के दौरान ला-नीना के एक्टिव होने की भी संभावना है जिसके चलते इसी महीने ला-नीना के सक्रिय होने पर दिसंबर और जनवरी के महीने में कड़ाके की सर्दी पडऩे की उम्मीद है।
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