सर्दी में रात ठन्डे जल में तपस्या कर रहे हैं अलवर के आकाश नाथ महाराज
अलवर । अलवर तपस्वियों की धरती हैं। इस वाक्य को सार्थक करते हुए नया भूरासिद्ध रोड स्थित वन विभाग की चौकी के पीछे स्थित गुरु गोरक्षनाथ आश्रम में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी इन दिनों विशेष हट योग तप चल रहा है।
आश्रम के महंत बाल योगी बाबा आकाशनाथ 27 नवंबर से रात्रि 9 बजे से 10:15 बजे तक पारेश्वर महादेव के प्रतीक शिवलिंग को अपने हाथों में ले कर जलधारा के लिए बैठते हे। जहां सैकड़ों श्रद्धालु जल अर्पित करते हैं। नाथ जी के अनुसार नाथ संप्रदाय हट योग में आता है। हट योग की यह तपस्या सादक को विपरीत दिशा की ओर ले जाती हैं। जैसे मछली का जल में विपरीत दिशा में चलना। जैसे सीताराम सन्यासी साधु सेवा के अनुसार चलते है व ब्राह्मण वेदों के अनुसार चलता है। वैसे ही नाथ समाज हट योग के अनुसार चलता है। हट योग में इस जलधारा का विशेष महत्व हे।
मौसम के विपरीत साधुजन अपने आप को साधते हुए साधना करते हैं। अत्यधिक ठंड के बावजूद लगातार करीब एक घंटे से अधिक समय तक बहती हुई। जलधारा में बैठना कठिन तप होता है। प्रतिदिन भक्तों के द्वारा दूध, दही, घी, शहद, चंदन, केसर, गन्ने का रस, शमी पत्र, पुष्प, जड़ी बूटियां व अन्य प्राकृतिक वनस्पति तत्वों से भगवान भोलेनाथ को अभिषेक करता है। वैदिक ब्राह्मणों के सानिध्य में जलधारा के समय वैदिक मंत्रों के साथ पूजा कराई जा रही है।
सेवक पंकज जोशी ने बताया की यह योग साधना जलधारा 27 नवम्बर से अनवरत जारी है जो 26 दिसंबर को रात्रि 8 से 11बजे समापन होगी। 27 दिसम्बर को स्वरूप नाथ जी की बरसी के उपलक्ष्य में प्रातः 9 बजे आश्रम में हवन होगा। उसके बाद ख्याति प्राप्त भजन गायक जम्मू कश्मीर से राकेश शर्मा, जयपुर से गोविंददास महाराज, बालेटा से आनंदगिरी महाराज आदि भजनों की प्रस्तुति देंगे। साथ ही दोपहर 12 बजे से भंडारे का आयोजन होगा। जिसमें साधु संतों सहित हजारों शहरवासी उपस्थिति होंगे।
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