नक्सली मानवाधिकार के सबसे बड़े दुश्मन: अमित शाह

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  नक्सली मानवाधिकार के सबसे बड़े दुश्मन: अमित शाह

नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि नक्सली मानवाधिकार के सबसे बड़े उल्लंघनकर्ता हैं, मानवाधिकार के दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल नक्सलियों के खिलाफ रक्षात्मक के बजाय आक्रामक अभियान चला रहे हैं और हाल के दिनों में उन्हें बड़ी सफलताएं मिली हैं।

अमित शाह ने नई दिल्ली में स्थित विज्ञान भवन में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में बेहतर केंद्र-राज्य समन्वय से नक्सलवाद को देश से पूरी तरह से समाप्त किया जा रहा है। सुरक्षा स्थिति में सुधार के कारण पिछले लोकसभा चुनाव में माओवाद प्रभावित क्षेत्र में 70 प्रतिशत तक मतदान हुआ। इससे पहले इस क्षेत्र में शून्य मतदान हुआ था।

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2026 तक नक्सली का पूरी तरह सफाया

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केंद्रीय गृहमंत्री ने नक्सलवाद को देश से पूरी तरह समाप्त करने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए नक्सल प्रभावित राज्यों से कहा कि वे नियमित अंतराल पर विकास और सुरक्षा पहलों की समीक्षा करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मार्च 2026 तक इस समस्या का पूरी तरह उन्मूलन हो जाए।

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छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना, आत्मसमर्पण में आयी तेजी

केंद्रीय गृह मंत्री ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सलवाद से निपटने में सफलता के लिए सराहना की। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, पुलिस महानिदेशक और पूरी टीम को बधाई दी। शाह ने कहा कि जनवरी से अब तक छत्तीसगढ़ में 194 नक्सली मारे गए, 801 गिरफ्तार हुए और 742 ने आत्मसमर्पण किया है। इसके साथ ही उन्होंने नक्सलवाद से जुड़े युवाओं से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा कि चाहे पूर्वोत्तर हो या जम्मू-कश्मीर, करीब 13000 नक्सली और आतंकी हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं।

विकास कार्यों पर बढ़ाया खर्च

उन्होंने कहा कि सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना के तहत 2004-2014 के बीच इस योजना पर 1180 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि 2014-2024 के बीच हमने 3,006 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो लगभग तीन गुना है। एसआरई मुख्य योजना है जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों में योगदान देती है। विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत हमने पिछले दशक में 3590 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

शाह ने कहा कि 2019 से पहले सैनिकों के लिए दो हेलीकॉप्टर तैनात थे, लेकिन आज इनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है, जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के छह और वायुसेना के छह हेलीकॉप्टर शामिल हैं, जो सैनिकों की मदद करते हैं।

हर माह होगी समीक्षा बैठक

नक्सल प्रभावित राज्यों में छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश शामिल हैं। शाह ने नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए हर महीने बैठक करने का निर्देश दिया। बैठक में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिया गया कि वे विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए हर महीने बैठक करें।

 

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