सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी जली एवं कब्जा की गई संपत्तियों की जानकारी
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में हुई हिंसा के मामले पर सुनवाई करते हुए मणिपुर सरकार से जली हुई, आंशिक रूप से जली हुई, लूटी गई और अतिक्रमण की गई संपत्तियों और इमारतों के बारे में रिपोर्ट तलब की है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने रिपोर्ट में संपत्ति के मालिक का नाम और पते की जानकारी मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी जानकारी मांगी है कि इस समय उस संपत्ति पर किसका कब्जा है और इन संपत्तियों पर अनधिकृत रूप से कब्जा करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ राज्य सरकार ने क्या कार्रवाई की है। साथ ही यह भी पूछा है कि जिनकी संपत्ति पर कब्जा किया गया है उन्हें कितना मुआवजा दिया गया है। आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त जस्टिस गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली कमेटी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विभा मखीजा ने कहा कि राज्य में काम करने में बाधाएं आ रही थी। सुनवाई के दौरान राज्य में हिंसा के चलते विस्थापित लोगों की ओर से पेश वकील ने कहा कि हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। तब मणिपुर सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसी शिकायत जस्टिस मित्तल कमेटी के समक्ष रखी जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने सात अगस्त, 2023 को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस गीता मित्तल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, जिसमें जस्टिस शालिनी जोशी और जस्टिस आशा मेनन हैं। कोर्ट ने सीबीआई जांच की निगरानी के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी दत्तात्रेय पद्सालगिकर को नियुक्त किया था।
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