इतिहास के पन्नों में 12 दिसंबरः मैं नाश्ते में राजनीतिज्ञों को खाता हूं

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इतिहास के पन्नों में 12 दिसंबरः मैं नाश्ते में राजनीतिज्ञों को खाता हूं

भारतीय चुनाव व्यवस्था के लिए 12 दिसंबर 1990 का दिन महत्वपूर्ण है, इसी तारीख को उस व्यक्ति ने मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार संभाला जिसने इस पद की परिभाषा बदल कर रख दी। उनके कार्यकाल में चुनाव आयोग स्वतंत्र और सर्वाधिक शक्तिशाली बनकर ऐसा स्थापित हुआ, जिसकी आज भी बानगी दी जाती है। नाम था- तिरुनेलै नारायण अय्यर शेषन जो आमतौर पर टीएन शेषन के नाम से मशहूर हुए। टीएन शेषन ने 12 दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर 1996 तक 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर सेवाएं दीं।अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था- आई ईट पॉलिटीशियंस फॉर ब्रेकफास्ट (मैं नाश्ते में राजनीतिज्ञों को खाता हूं)।

टीएन शेषन का जन्म केरल के पलक्कड़ जिले के तिरुनेलै गांव में 15 दिसम्बर 1932 को हुआ था। उन्होंने मद्रास के क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक परीक्षा पास की। कुछ समय वहां व्याख्याता भी रहे चंद्रशेखर के प्रधानमंत्रित्व काल में तब योजना आयोग के सदस्य रहे शेषन के मुख्य चुनाव आयुक्त पद पर पहुंचने में तत्कालीन केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुब्रह्मण्यम स्वामी की खास भूमिका थी। 60 के दशक में स्वामी, शेषन को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ा चुके थे।

शेषन ने मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में सबसे मजबूत छाप छोड़ी। उन्होंने भारतीय चुनाव प्रणाली में कई अहम बदलाव किए जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मतदाता पहचान पत्र की शुरुआत थी। हालांकि शुरुआत में नेताओं ने मतदाता पहचान पत्र का यह कहकर विरोध किया कि भारत में इतनी खर्चीली व्यवस्था संभव नहीं है तो शेषन ने कहा था- अगर मतदाता पहचान पत्र नहीं बनाए गए तो 1995 के बाद देश में कोई चुनाव नहीं होगा। कई राज्यों में तो उन्होंने चुनाव इसलिए स्थगित करवा दिए क्योंकि पहचान पत्र तैयार नहीं हुए थे। उनके सख्त रुख के कारण ही मतदाता पहचान पत्र वास्तविकता बन सका, उनके कार्यकाल में फर्जी मतदान और बूथ लूट पर रोक लगी, उम्मीदवारों के बेतहाशा चुनावी खर्च, चुनावी खर्चों का प्रमाणिक लेखा-जोखा और चुनाव प्रचार के समय को अनिवार्य रूप से सीमित किए जाने संबंधी चुनाव सुधार हुए।

उनके विषय में प्रसिद्ध था, 'राजनेता सिर्फ दो लोगों से डरते हैं, एक भगवान और दूसरे शेषन।' शेषन से परेशान होने वाले राजनेताओं की लंबी फेहरिस्त है लेकिन सर्वाधिक परेशान हुए लालू प्रसाद यादव। बिहार में 1995 का चुनाव ऐतिहासिक रहा। बिहार में चार चरणों में चुनाव का ऐलान हुआ और चारों बार तारीखें बदली गईं। यहां सबसे लंबे चुनाव हुए। लालू, शेषन को लानतें भेजते हुए कहते थे- शेषनवा को भैंसिया पे चढ़ाकर के गंगाजी में हेला देंगे।

सेवानिवृत्ति के बाद 1997 में उन्होंने स्वतन्त्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति के लिए आवेदन भरा लेकिन उन्हें सिर्फ 5 फीसदी वोट मिले। 1999 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर गांधीनगर से लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन यहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी। जीवन के आखिरी साल उन्होंने वृद्धाश्रम में गुजारे। उनके बच्चे नहीं थे और अपनी सारी संपत्ति चैरिटी में दे दी थी। 10 नवंबर 2019 में 87 वर्ष के शेषन ने कार्डियक अरेस्ट के बाद चेन्नई में अंतिम सांस ली। 1996 में शेषण को रैमन मैग्सेसे अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। शेषन ने ‘द डीजेनरेशन ऑफ इंडिया’, ‘ए हर्ट फुल ऑफ बर्डन’ नाम की पुस्तकें भी लिखीं।

अन्य अहम घटनाएंः

2008- प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष एम वीरप्पा मोइली ने सरकारी कर्मचारियों के सेवा निगमों में व्यापक बदलाव की सिफ़ारिश की।

रमन सिंह छत्तीसगढ़ और शिवराज चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

2007- पेरु की अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति एल्बर्टो फूजीमारो को छह साल कारावास व 13,000 डॉलर के जुर्माने की सज़ा सुनाई।

2001- भारत ने नेपाल को दो चीता हेलीकॉप्टर और हथियार दिये।

1998- अमेरिकी सदन की न्यायिक समिति द्वारा राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के ख़िलाफ़ महाभियोग चलाने की मंजूरी।

1996- भारत एवं बांग्लादेश के मध्य गंगाजल के बंटवारे को लेकर 30 वर्षीय संधि पर हस्ताक्षर।

1992- हैदराबाद के हुसैन सागर झील में विशालकाय बुद्ध प्रतिमा स्थापित की गई।

1990- टीएन शेषन मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनाए गए।

1981- पेरू के पूर्व प्रतिनिधि जेवियर पेरेज द कुइयार सं.रा. संघ के महासचिव निर्वाचित।

1971- भारतीय संसद द्वारा पूर्व राजाओं को प्रदान की जानी वाली सभी सुविधायें रद्द कर दी गई।

1936- चीन के नेता च्यांग काई शेक ने जापान के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।

1917- फ्रेंच आल्प्स में फ्रांसीसी सेना की ट्रेन पटरी से उतरी, 543 लोगों की मौत।

1911- भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई।

जॉर्ज पंचम और मेरी भारत के सम्राट के रूप में भारत पहुंचे।

1884- आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच पहला क्रिकेट टेस्ट मैच खेला गया।

1822- अमेरिका द्वारा मेक्सिको को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई।

1800- वाशिंगटन डीसी को अमेरिका की राजधानी बनाया गया।

1787- पेनसिल्वेनिया अमेरिका के संविधान को अंगीकार करने वाला दूसरा प्रांत बना।

जन्म

1997- रवि कुमार दहिया - भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान।

1981- युवराज सिंह - भारत के क्रिकेट पूर्व खिलाड़ी।

1959- कृष्णमचारी श्रीकांत - भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान।

1958- वी. मुरलीधरन - भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जिनका सम्बंध भारतीय जनता पार्टी से है।

1954- हेमंत करकरे- 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी और मुम्बई के आतंक विरोधी दस्ते के प्रमुख थे।

1949- रजनीकांत- तमिल एवं हिन्दी फ़िल्मों के लोकप्रिय अभिनेता।

1940- शरद पवार- वरिष्ठ भारतीय राजनीतिज्ञ हैं।

1938- ख़लील धनतेजवि - गुजरात के प्रसिद्ध कवि थे।

1931- सोकर जानकी - भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं।

1872- बालकृष्ण शिवराम मुंजे - स्वतंत्रता सेनानी और हिंदू महासभा के अध्यक्ष थे।

निधन

2012- नित्यानंद स्वामी- उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री।

2005- रामानन्द सागर - प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म निर्देशक तथा ख्यातिप्राप्त धारावाहिक 'रामायण' के निर्माता।

2004- सैयद मीर क़ासिम- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ तथा जम्मू और कश्मीर के भूतपूर्व मुख्यमंत्री थे।

2000- जे. एच. पटेल - जनता दल के राजनीतिज्ञ जो कर्नाटक के 15वें मुख्यमंत्री रहे।

1964- मैथिलीशरण गुप्त- राष्ट्रकवि के रूप में विख्यात सुप्रसिद्ध हिन्दी कवि।

1925- राधाचरण गोस्वामी - ब्रज निवासी साहित्यकार, नाटककार और संस्कृत के उच्च कोटि के विद्वान थे।

महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव

अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह (08-14 दिसम्बर)

हवाई सुरक्षा दिवस (सप्ताह)

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