केले की खेती को प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार

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  केले की खेती को प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार

लखनऊ । केले की खेती और निर्यात से उत्तर प्रदेश के किसानों की कमाई बढ़ेगी। केले की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने उसे कुशीनगर का वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट भी घोषित कर रखा है। योगी सरकार के सात वर्षों के कार्यकाल के दौरान यूपी की कनेक्टिविटी एक्सप्रेसवे, एयरवेज और रेल सेवाओं के जरिये वैश्विक स्तर की हो गई है। इसे लगातार और बेहतर बनाया जा रहा है। ऐसे में लैंड लॉक्ड होना यूपी की प्रगति के लिए कोई खास मायने नहीं रखता। लिहाजा केंद्र की पहल का सर्वाधिक लाभ भी यूपी के किसानों को होगा।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि ऐसा इसलिए भी होगा क्योंकि योगी सरकार पहले से ही केले की खेती को प्रोत्साहन दे रही है। सरकार प्रति हेक्टेयर केले की खेती पर करीब 38 हजार रुपये का अनुदान दे रही है। जगह-जगह केले को प्रसंस्कृत कर उसके फल, रेशे एवं तने के जूस से अन्य उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग भी योगी सरकार की ओर से किसानों को दी जा रही है। केले को प्रसंस्कृत कर अन्य उत्पाद बनाने वाले किसानों को एक्सपोजर दिया जा रहा है। नोएडा में कुछ माह पूर्व आयोजित ट्रेड शो में कुशीनगर के भी कुछ किसान गए थे।

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यूपी के प्रमुख केला उत्पादक जिले

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उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में शामिल कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, महराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी और बाराबंकी जैसे कई जिलों में केले की खेती की जा रही है। पिछले डेढ़ दशक से केले के रकबे में लगातार वृद्धि हो रही है। साथ ही बेहतर प्रजातियों और खेती के उन्नत तौर तरीकों से उपज और गुणवत्ता भी सुधरी है। इससे यूपी के केले की देश के महानगरों सहित नेपाल, बिहार, पंजाब, दिल्ली, जम्मू आदि में भी यहां के केले की खासी मांग है।

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वर्ष 2023-24 में 25.14 करोड़ अमेरिकी डॉलर हुआ केले का निर्यात

केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय से जारी आंकड़ों के अनुसार दस साल में केले का निर्यात करीब दस गुना बढ़ा है। 2013 में भारत से कुल 2.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर केले का निर्यात हुआ था। वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 25.14 करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गया। जिस तरह से वैश्विक स्तर पर हेल्दी फूड की मांग बढ़ी है, उसके मद्देनजर अभी इसके और बढ़ने की संभावना है। इन संभावनाओं को भारत के केला उत्पादक किसानों को अधिकतम लाभ मिले, इसके लिए मोदी सरकार भी प्रयासरत है। इसी बाबत मुंबई में पहली बार केले को केंद्र में रखकर सेलर-बायर मीट भी प्रस्तावित है। यही नहीं केंद्र सरकार समुद्री रास्ते से दो दर्जन फलों के किफायती निर्यात के लिए पायलट प्रोजेक्ट बना रही है।  
 

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