नरसिंहानंद गिरी ने सम्पूर्ण राजनैतिज्ञों और न्यायपालिका को दी चुनौती
हरिद्वार । श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के भैरव घाट पर सनातन धर्म की रक्षा व इस्लाम के जिहाद के समूल विनाश के लिए किए जा रहे मां बगलामुखी महायज्ञ में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी अपने शिष्यों के साथ 19, 20 और 21 दिसंबर को धर्म संसद का भी आयोजन कर रहे हैं। उनकी धर्म संसद का मुख्य विषय इस्लाम के जिहाद से सम्पूर्ण मानवता को बचाने की रणनीति तैयार करना है। अभी से उनकी विश्व धर्म संसद को रोकने की हर तरह की कोशिश की जा रही हैं।
विरोधियों की कोशिशों से क्षुब्ध होकर आज महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने महायज्ञ स्थल से भारत के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, विपक्षी नेताओं और न्यायपालिका को चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें सत्य बोलने से रोका जा रहा है। उनकी जिन बातों को विवादित बताया जाता है, वो बातंे इस्लाम के इतिहास के गहन अध्ययन और वैश्विक जनसंख्या के बिगड़ते हुए अनुपात की गणितीय गणना पर आधारित हैं।
इन्हीं आधारों पर ये तय है कि जो हालत आज बांग्लादेश के हिंदुओं की है, वो ही हालत आज से 20 या 25 वर्ष बाद भारत के हिंदुओं की हो जाएगी। कहाकि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री या भारत के मुख न्यायाधीश उन्हें लिखकर ये गारंटी दे दे कि ऐसा नहीं होगा तो वो मां गंगा के जल में समाधि ले लेंगे।
इस अवसर पर उनके साथ महायज्ञ में मुख्य यजमान सहदेव भगत और विश्व धर्म संसद की मुख्य संयोजक डॉ. उदिता त्यागी के साथ श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के कोठारी श्रीमहंत महाकाल गिरी महाराज, श्रीपरशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पं. अधीर कौशिक, कथावाचक पवन कृष्ण शास्त्री, यति रामस्वरूपानंद, यति सत्यदेवानंद, यति नित्यानंद, यति निर्भयानंद, यति रणसिंहानंद, यति परमात्मानंद, यति अभयानंद के साथ बड़ी संख्या में साधु-संत उपस्थित थे।
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